आखिर कब है दिवाली 20 या 21 अक्टूबर को? जानिए क्या कहते है उज्जैन के विद्वान

Diwali News : पिछले साल की तरह इस बार भी दिपावली महापर्व को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कुछ कैलेंडर में दिवाली 20 अक्टूबर की बताई जा रही है तो कुछ में 21 अक्टूबर की दिवाली बताई जा रही है। वहीं उज्जैन के जाने-माने विद्वानों का मानना है कि प्रदोष काल की अमावस्या 20 अक्टूबर की रात तक ही रहेगी, इसलिए दिवाली 20 अक्टूबर को ही मनाना शाश्त्रसम्मत है। 
इस बार अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 3:45 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर को दोपहर 3:35 बजे तक रहेगी। सूर्यास्त के बाद कम से कम 24 मिनट तक बनी रहेगी, तभी प्रदोष काल में दीपावली महापर्व मान्य होता है।
उज्जैन के प्रमुख ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार 21 अक्टूबर को प्रदोष नहीं होगा, बल्कि 20 अक्टूबर को ही प्रदोष काल रहेगा। इसलिए दिवाली का पर्व 20 अक्टूबर को मनाना ही उचित बताया जा रहा है।
ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डिब्बेवाला के अनुसार बताया जा रहा है कि हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या पर ही दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। महालक्ष्मी का प्राकट्य प्रदोष काल का माना गया है। इसलिए दिपावली का पर्व प्रदोष काल की अमावस्या पर ही मनाना उचित है। 
उन्होने बताया कि भारतीय ज्योतिष शास्त्र में पंचान की दो अवधारणाएं है। ग्रह लघु और ग्रह चैत्र। चैत्र पद्धति दर्शय गणित से संबंधित है और ग्रह लाघव सूक्ष्म गणित पर आधारित है। इसी कारण विद्वानों में मतभेद देखने को मिलता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डिब्बेवाला ने कहा कि पंचांगो के अनुसार तिथि और दिन का गणित तय होता है। इस बार प्रदोष काल 20 अक्टूबर को ही रहेग, इसलिए इसी दिन दिवाली पर्व मनाना श्रेष्ठ माना गया  है।

 वहीं ज्योतिषाचार्य अक्षय व्यास ने भी कहा कि चतुर्दशी के दिन यानी 20 अक्टूबर की शाम को ही दिवाली का त्यौहार रहेगा। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय में अलग-अलग शहरो में करीब एक घंटे का अंतर होता है, इसलिए दिवाली का समय स्थानीय पंचांग और ज्योतिषाचार्य से पूछकर तय करना चाहिए।