ग्रहण को विज्ञान की दृष्टि से भले ही एक सामान्य खगोलीय घटना माना जाता हो, लेकिन हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में इसका विशेष महत्व है। मान्यता है कि ग्रहण काल में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है और सकारात्मक शक्तियां कमजोर पड़ जाती हैं। इसी कारणवश इस दौरान कोई भी शुभ कार्य और पूजा-पाठ वर्जित माने जाते हैं।
2025 का पहला चंद्र ग्रहण बीत चुका है, अब दूसरा आने वाला है
इस वर्ष अब तक दो ग्रहण हो चुके हैं, एक सूर्य ग्रहण और एक चंद्र ग्रहण, लेकिन ये दोनों ही भारत में नहीं देखे गए थे। अब साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण जल्द ही लगने वाला है और इस बार यह भारत में पूरी तरह से दिखाई देगा। इससे ग्रहण प्रेमियों और ज्योतिष में रुचि रखने वालों में उत्सुकता काफी बढ़ गई है।
कब लगेगा 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण?
साल का यह दूसरा और पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को भाद्रपद पूर्णिमा की रात को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण भारतीय समय अनुसार 7 सितंबर की रात 9:57 मिनट पर शुरू होगा और 8 सितंबर को रात 12:23 मिनट पर समाप्त होगा। चूंकि यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, इसलिए इसमें चंद्रमा गहरे लाल रंग का दिखाई देगा, जिसे आमतौर पर ‘ब्लड मून’ कहा जाता है।
भारत सहित इन देशों में दिखेगा अद्भुत नज़ारा
यह चंद्र ग्रहण भारत के साथ-साथ एशिया, यूरोप, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, अटलांटिक और हिंद महासागर क्षेत्रों में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। खगोल विज्ञान के प्रेमी इस खास पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि यह साल 2025 का अकेला ऐसा चंद्र ग्रहण है जो भारत में दिखाई देगा।
ग्रहण से पहले सूतक काल और उसकी सावधानियां
जैसे ही ग्रहण भारत में दृश्य होगा, वैसे ही सूतक काल भी मान्य होगा। सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य, खाना पकाना, खाना खाना, बाल कटवाना, सिलाई करना आदि कार्य वर्जित माने जाते हैं। मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और पूजा-पाठ रोक दिया जाता है।
गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा शिशु पर प्रभाव डाल सकती है। इस समय तेज ध्वनि, स्क्रीन की रोशनी और नुकीली वस्तुओं से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए।