इंदौर की बजरबट्टू यात्रा में आज कैलाश विजयवर्गीय कौन सा गेटअप धारण करेंगे?

नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय कार्यकर्ताओं के बीच इतने लोकप्रिय क्यों हैं, इसके कई कारण हैं। इसकी एक झलक इंदौर में आयोजित बजरबट्टू सम्मेलन और शोभायात्रा में देखने को मिलती है। विजयवर्गीय अपने कार्यकर्ताओं की मांग पर हर साल अलग-अलग गेटअप में सजधज कर शहर की सड़कों पर निकलते हैं, जो उनकी जनता से जुड़ाव और सरलता को दर्शाता है। शोभायात्रा के दौरान विजयवर्गीय किस रूप में दिखाई देंगे, इसे लेकर कार्यकर्ताओं और नागरिकों के बीच भारी उत्सुकता रहती है। मज़ेदार बात यह है कि यदि कोई व्यक्ति पहले से सही गेटअप बता दे, तो उसे हर साल ढाई लाख रुपए का इनाम भी दिया जाता है। यह परंपरा न केवल उत्सव का रंग बढ़ाती है, बल्कि विजयवर्गीय के प्रति लोगों के जुड़ाव और उत्साह को भी दर्शाती है।

दरअसल, इंदौर के मल्हारगंज क्षेत्र से हर साल रंगपंचमी के पहले बजरबट्टू सम्मेलन और शोभायात्रा का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन की खास बात यह है कि आयोजन समिति शहर के गणमान्य नागरिकों को विशेष गेटअप में तैयार कर शोभायात्रा में शामिल करती है। शोभायात्रा में लोग विभिन्न हास्य-व्यंग्यात्मक और पारंपरिक रूपों में नजर आते हैं, जो देखने वालों के लिए आकर्षण और मनोरंजन का माध्यम बन जाते हैं।

इस कार्यक्रम का सबसे खास आकर्षण होते हैं कैलाश विजयवर्गीय, जिन्हें हर साल एक अलग गेटअप में पेश किया जाता है। कभी वह भगवान शंकर के रूप में दिखाई देते हैं, कभी भगवान राम तो कभी किसी तांत्रिक के रूप में। उनका यह अंदाज़ न सिर्फ भीड़ को आकर्षित करता है, बल्कि पूरे आयोजन को एक उत्सवपूर्ण और जीवंत रंग देता है। यह आयोजन इंदौर की सांस्कृतिक विविधता और उत्सवप्रियता का एक शानदार उदाहरण बन गया है।

कार्यकर्ताओं की डिमांड पर कैलाश विजयवर्गीय को कभी रॉकस्टार के रूप में तो कभी चाचा चौधरी बनाकर शोभायात्रा में शामिल किया जाता है। उनके अलग-अलग रूपों को देखने के लिए लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। यही नहीं, अन्य प्रतिभागियों को भी आयोजन की थीम के अनुसार मेकअप कर तैयार किया जाता है, जिससे शोभायात्रा और भी रंगीन और मनोरंजक बन जाती है।

पूरे यात्रा मार्ग में करीब 150 मंचों से शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया जाता है। हर मंच पर कलाकारों और आम लोगों की ओर से ढोल-नगाड़ों, पुष्पवर्षा और पारंपरिक तरीके से स्वागत होता है। शोभायात्रा के बाद हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है, जिसमें देशभर से आए कवि अपने चुटीले अंदाज़ में श्रोताओं को हंसी से लोटपोट कर देते हैं। इसके साथ ही भव्य आतिशबाज़ी के साथ इस अनूठे आयोजन का समापन किया जाता है।

बजरबट्टू सम्मेलन के आयोजक अशोक चौहान और भूपेंद्र केसरी बताते हैं, “28 साल पहले हमने कैलाश विजयवर्गीय को पुराने जमाने के टेंपो की छत पर बैठाकर शोभायात्रा निकाली थी। उस समय सिर्फ तीन मंचों से उनका स्वागत हुआ था। लेकिन उसी आयोजन ने ऐसा रंग जमा दिया कि इसके बाद से हर साल यह कार्यक्रम लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया।”

वे आगे कहते हैं, “अब तो स्थिति यह है कि कैलाश विजयवर्गीय इस बार किस गेटअप में नजर आएंगे, यह बताने के लिए बाकायदा प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। जिसने सबसे पहले सही अंदाजा लगा लिया, उसे ढाई लाख रुपए का पुरस्कार भी मिलता है।”