हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र, चमत्कारी और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक माना गया है। यह केवल एक माला नहीं, बल्कि ऐसा पवित्र बीज है जो मन, शरीर और आत्मा को संतुलित करने की क्षमता रखता है।
मान्यता है कि हर रुद्राक्ष किसी विशेष देवता से जुड़ा होता है और उसके धारण से अलग-अलग आध्यात्मिक व जीवन-संबंधी लाभ प्राप्त होते हैं। रुद्राक्ष पहनने से पहले यह समझना जरूरी है कि कौन-सा मुख किस देवता का प्रतीक है और इसे धारण करने के क्या नियम हैं।
किस देवता से जुड़ा कौन सा रुद्राक्ष?
एक मुखी रुद्राक्ष – भगवान शिव का दिव्य स्वरूप
- एक मुखी रुद्राक्ष को स्वयं महादेव का प्रत्यक्ष रूप कहा गया है।
- इसे पहनने से शिव कृपा सहज रूप से प्राप्त होती है।
- साधक का मन एकाग्र होता है और आध्यात्मिक उन्नति बढ़ती है।
- धन, यश और प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होने की मान्यता है।
दो मुखी रुद्राक्ष – अर्धनारीश्वर का प्रतीक
- यह रुद्राक्ष शिव और शक्ति के संयुक्त रूप का प्रतिनिधित्व करता है।
- दांपत्य जीवन में सामंजस्य बढ़ाता है।
- मानसिक संतुलन और रिश्तों में मधुरता लाता है।
- वैवाहिक समस्याओं के समाधान में विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है।
तीन मुखी रुद्राक्ष – त्रिदेव का सम्मिलित रूप
- यह ब्रह्मा, विष्णु और महेश की संयुक्त शक्ति का प्रतीक है।
- पुराने पापों, मानसिक बोझ और डर से मुक्ति देता है।
- आत्मविश्वास बढ़ाता है और जीवन में नई शुरुआत करने में मदद करता है।
- धारण करने वाले को दिव्य ऊर्जा का संरक्षण मिलता है।
चार मुखी रुद्राक्ष – भगवान ब्रह्मा का आशीर्वाद
- ज्ञान और सृष्टि के देवता ब्रह्मा जी का प्रतीक।
- बुद्धि, स्मरण शक्ति और रचनात्मक सोच में वृद्धि करता है।
- विद्यार्थी, शिक्षक, शोधकर्ता और लेखक के लिए अत्यंत शुभ।
- शास्त्रों के अनुसार यह रुद्राक्ष साधक को ब्रह्मज्ञान प्रदान करता है।
पांच मुखी रुद्राक्ष – पंचमुखी शिव का प्रतीक
- सबसे सामान्य और व्यापक रूप से पहना जाने वाला रुद्राक्ष।
- मन को शांत करता है और जीवन में संतुलन लाता है।
- आयु, स्वास्थ्य और सौभाग्य बढ़ाने में सहायक।
- दैनिक पूजा और आध्यात्मिक साधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
रुद्राक्ष धारण करने के पवित्र नियम
- रुद्राक्ष बेहद पवित्र माना जाता है, इसलिए इसे धारण करने से पहले कुछ नियमों का पालन जरूरी है।
- सोमवार को रुद्राक्ष पहनना अत्यधिक शुभ माना गया है।
- शिवयोग, अमावस्या और महाशिवरात्रि जैसे पवित्र दिनों में धारण करना श्रेष्ठ।
- रुद्राक्ष पहनने से पहले ॐ नमः शिवाय या ॐ रुद्राय नमः मंत्र का जप करें।
- बीज का अभिषेक कर शुद्धिकरण जरूर करें।