अर्जुन राठौर
कोटपूतली गांव में 3 साल की चेतना बोरवेल के गड्ढे में गिर गई उसके लिए 170 फुट का दूसरा गड्ढा खोदने के बावजूद अभी तक बचाव दल बच्ची के पास नहीं पहुंच सका है छोटी बच्ची चेतना के जीवन के लिए गांव वाले पूजा पाठ कर रहे हैं लेकिन अभी तक इस समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं निकल सका है कि बोरवेल के गड्ढे खुले क्यों रहते हैं?
भारत में बोरवेल के गड्ढों में बच्चों के गिरने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। यह घटनाएं न केवल दुखद हैं, बल्कि समाज और प्रशासन के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं। बोरवेल के गहरे गड्ढों में बच्चे गिरकर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं या कई बार तो जान गंवा बैठते हैं। इन घटनाओं के पीछे कई कारण हैं, जिन्हें समझने और सही उपाय अपनाने की जरूरत है।
भारत में बोरवेल का निर्माण प्रायः असंवेदनशीलता से किया जाता है। कई जगहों पर बोरवेल की गहराई और चौड़ाई का कोई मानक नहीं होता, जिससे इनमें गिरने का खतरा बढ़ जाता है। बोरवेल के खुले मुंह पर कोई सुरक्षा उपाय नहीं होते, जिससे बच्चों को इसके अंदर गिरने का जोखिम होता है। छोटे बच्चे अपनी जिज्ञासा के कारण बोरवेल के पास जाते हैं और बिना किसी चेतावनी के गहरे गड्ढे में गिर जाते हैं ।
देश के ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में बोरवेल के खतरे के बारे में जागरूकता की भारी कमी है। कई बार माता-पिता और स्थानीय लोग यह नहीं समझ पाते कि बोरवेल के पास बच्चों को जाने देना कितना खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा, कई गांवों में बोरवेल की स्थितियों का सही तरीके से निरीक्षण भी नहीं किया जाता, जिससे यह घटनाएं बढ़ रही हैं।
बोरवेल के निर्माण और संचालन को लेकर सरकार और प्रशासन की ओर से स्पष्ट दिशा-निर्देशों की कमी है। कहीं न कहीं प्रशासन की लापरवाही के कारण बोरवेल में सुरक्षा मानकों की अनदेखी होती है। जैसे ही कोई बोरवेल खोला जाता है, उसमें सुरक्षा उपायों का ध्यान रखना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जाता। यह भी एक प्रमुख कारण है कि बच्चे बोरवेल में गिर रहे हैं ।
कभी-कभी बच्चों के गिरने की घटनाएं अभिभावकों की लापरवाही के कारण होती हैं। बच्चे अपने खेल के दौरान बोरवेल के आसपास आ जाते हैं और उनके माता-पिता उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। इस प्रकार की लापरवाही से बचने के लिए अभिभावकों को अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए और बच्चों को खतरनाक स्थानों से दूर रखना चाहिए ।
1. बोरवेल सुरक्षा मानक लागू करना: सरकार को बोरवेल के निर्माण और संचालन के लिए कड़े सुरक्षा मानक तय करने चाहिए। बोरवेल के खुले मुंह को बंद करने और उसके ऊपर सुरक्षित ढकने के उपायों को अनिवार्य बनाना चाहिए।
2. जागरूकता अभियान: स्थानीय प्रशासन को बोरवेल के खतरों के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाना चाहिए। स्कूलों, गांवों और मोहल्लों में बच्चों को इस प्रकार के खतरों से बचने के बारे में शिक्षा दी जानी चाहिए।
3. कड़ी सजा और नियम: बोरवेल के गलत निर्माण और सुरक्षा मानकों की अनदेखी करने पर सजा का प्रावधान होना चाहिए। इसके अलावा, यदि किसी व्यक्ति की लापरवाही से ऐसा हादसा होता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
4. अभिभावकों की जिम्मेदारी: बच्चों के अभिभावकों को यह समझना चाहिए कि उनकी लापरवाही से बच्चों की जान खतरे में पड़ सकती है। उन्हें बच्चों को खुले बोरवेल के पास जाने से रोकना चाहिए और सुरक्षा उपायों को लेकर सतर्क रहना चाहिए।
बोरवेल में गिरने के हादसे गंभीर चिंता का विषय बन चुके हैं। हालांकि इसके पीछे कई कारण हैं, लेकिन सही दिशा-निर्देशों, जागरूकता और सुरक्षा उपायों से इस समस्या का समाधान संभव है। सरकार, प्रशासन और समाज को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।