अमावस्या के बाद चंद्र दर्शन क्यों माना जाता हैं विशेष? जानें क्या हैं इसके पीछे की धार्मिक मान्यताएं

हिंदू धर्म में चंद्र दर्शन का अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक महत्व है, विशेष रूप से अमावस्या के अगले दिन जब आकाश में पहली बार चंद्रमा के दर्शन होते हैं। यह दिन न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी बेहद प्रभावशाली माना जाता है।

अमावस्या की रात्रि जहां अंधकार और नकारात्मकता का प्रतीक होती है, वहीं उसके बाद दिखाई देने वाला चंद्रमा उजाले और नई ऊर्जा का संदेश लाता है। यह समय व्यक्ति के जीवन में शांति, स्थिरता और सौभाग्य के आगमन का सूचक होता है।

श्रावण मास में चंद्र दर्शन की तिथि और महत्व

इस वर्ष 2025 में श्रावण मास का चंद्र दर्शन 26 जुलाई, शनिवार को शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर मनाया जाएगा। श्रावण माह स्वयं में शिव की आराधना का पावन समय होता है और ऐसे में चंद्र दर्शन का दिन और भी अधिक शुभ और फलदायक माना जाता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी इस दिन चंद्रमा का उदय विशेष ऊर्जा और मानसिक संतुलन लेकर आता है।

क्यों खास होता है चंद्र दर्शन

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रमा मन का प्रतीक होता है और इसके दर्शन से मन शांत व संतुलित होता है। अमावस्या के बाद जैसे ही चंद्रमा की पहली झलक मिलती है, यह नई शुरुआत, शुभ कार्यों की अनुमति और मानसिक समस्याओं के निवारण का संकेत देता है। कई धार्मिक ग्रंथों में यह वर्णन है कि इस दिन चंद्र दर्शन से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और दुर्भाग्य समाप्त होता है।

चंद्र दर्शन से जुड़ी परंपराएं और उपाय

चंद्र दर्शन के दिन विशेष रूप से कुछ पारंपरिक धार्मिक क्रियाएं की जाती हैं। इस दिन लोग सूर्यास्त के समय चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करते हैं जिसमें दूध, जल और सफेद फूलों का प्रयोग होता है। यह कृत्य चंद्र देव के प्रति श्रद्धा और आभार का प्रतीक माना जाता है। साथ ही इस दिन व्रत रखकर चंद्रोदय के बाद ही भोजन ग्रहण करने की परंपरा भी कई स्थानों पर निभाई जाती है।

 चंद्रमा को प्रसन्न करने का सरल उपाय

इस दिन विशेष रूप से सफेद वस्तुओं का दान करने की परंपरा है। जैसे दूध, चावल, मिश्री, चीनी या सफेद वस्त्र। ऐसी मान्यता है कि इससे चंद्र देव प्रसन्न होते हैं और कुंडली में चंद्र की स्थिति भी मजबूत होती है, जिससे मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं।

नए कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ समय

चंद्र दर्शन का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है, इसलिए इस दिन से विवाह, गृह प्रवेश, व्यापार, पढ़ाई जैसे कार्यों की शुरुआत करना बहुत लाभकारी होता है। अमावस्या के दिन जब धार्मिक कार्यों पर रोक होती है, उसके ठीक बाद चंद्र दर्शन के साथ शुभता का द्वार खुलता है।

चंद्र दर्शन के लाभ: सौभाग्य, स्वास्थ्य और शांति

  • नकारात्मक ऊर्जा का नाश – यह दिन जीवन से अशुभताओं को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
  • सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि – घर-परिवार में सुख-शांति और आर्थिक प्रगति के लिए यह दिन फलदायी माना गया है।
  • मानसिक स्थिरता – चंद्रमा की शीतलता तनाव कम करती है और व्यक्ति को मानसिक राहत मिलती है।
  • शुभ कार्यों का शुभारंभ – यह दिन सभी शुभ कार्यों के लिए अनुकूल रहता है।