कर्नाटक में 41 साल की महिला ने 36 साल उम्र बताकर शादी की. यहाँ मामला साल 2014 का है. युवती के परिवार वाले युवक के घर शादी के लिए रिश्ता लेकर गए थे. जहा युवती के परिवार वालो ने उसकी की उम्र 36 साल बताई गई थी. फेर दोनों की शादी हो गई ।
शादी के बाद पति को पता चला कि महिला लंबे समय से किसी लाइलाज बीमारी से पीड़ित है। ये बात उसने शादी के पहले नहीं बताई थी। पति ने पत्नी और उसके परिवार वालों से पूछा तो बीमारी का पता चला और यह भी जानकारी हुई कि शादी के समय पत्नी की उम्र 36 नहीं बल्कि 41 साल थी। पत्नी उससे 5 साल बड़ी है। इसके बाद पति ने धोखाधड़ी और तलाक का केस कर दिया। परन्तु फैमिली कोर्ट ने पति की तलाक की याचिका खारिज कर दी थी।
कोर्ट ने कहा था कि पति साबित नहीं कर सका कि शादी अमान्य क्यों घोषित की जाए। फिर हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और कहा कि महिला ने क्रॉस एग्जामिनेशन में ये बात स्वीकार की है कि उसने उम्र छिपाई थी। कोर्ट ने आगे कहा कि फैमिली कोर्ट ने रिकॉर्ड पर दलील और सबूतों की सराहना करने में गलती की है। रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों ने शादी को अमान्य घोषित करने के आधार को साबित किया है।
इसलिए शादी को खत्म करने की अनुमति दी जाती है। उसके बाद कोर्ट ने इंडियन डिवोर्स एक्ट की धारा 18 और 19 के तहत पति या पत्नी को ये अधिकार देती है कि वे धोखाधड़ी के आधार पर अपनी शादी को अमान्य घोषित करने के लिए याचिका दाखिल कर सकते हैं। कोर्ट ने इन्हीं धाराओं के आधार पर इस शादी को अमान्य घोषित किया।