स्वतंत्र समय, ग्वालियर
ग्वालियर में नगर निगम और लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) के ठेकेदार नरेंद्र सिंह चौहान ने पत्नी और बेटे की गोली मारकर हत्या के बाद खुदकुशी ( suicide ) कर ली। पुलिस ने फोरेंसिक एक्सपर्ट की मदद से मामले की तुरंत जांच शुरू की। समझा कि किन हालात में ठेकेदार ने यह कदम उठाया। पता चला कि ठेकेदार का उसके साले राजीव गौड़ उर्फ गुड्डू से विवाद चल रहा था। वह हाल ही में लगातार लोकायुक्त और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्लू) में शिकायत से भी तनाव में था।
बुधवार की रात परिवार समेत ठेकेदार ने किया था suicide
बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के बारह बीघा इलाके में रहने वाले नरेंद्र (47) ने मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात परिवार समेत सुसाइड ( suicide ) कर लिया था। उसने पहले बेड पर सो रहे बेटे आदित्य (20), फिर पत्नी सीमा चौहान (42) की हत्या की थी। फिर खुद को गोली मार ली। स्पॉट से पुलिस को 306 बोर की राइफल, तीन खाली खोके और एक जिंदा कारतूस मिला है। सीमा के हाथ पर मिले सुसाइड नोट में लिखा है, ‘हमारी मौत का जिम्मेदार मेरा भाई है। उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए।’
एक्सपर्ट ने बताया- रात में क्या सीन बना होगा
फॉरेंसिक एक्सपर्ट के मुताबिक, नरेंद्र ने बेटे आदित्य के सीने पर राइफल से गोली मारी होगी। आदित्य का हाथ सीने पर रखा था। गोली हाथ से होकर सीने को चीरते हुए पीठ से बाहर निकल गई। बेटे को मां सीमा ने पास ही रखा कंबल पैर से लेकर सिर तक ओढ़ा दिया। इसके बाद उसके ऊपर हाथ रखकर लिपट गई। ठेकेदार ने गन लोडकर पत्नी की पीठ में गोली मारी, जो सीने को चीरते हुए बेड के गद्दे में धंस गई।
नगर निगम में करीब 8 करोड़ के काम चल रहे थे
नरेंद्र सिंह चौहान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के इटावा में अजीतमल थाना क्षेत्र के रहने वाले थे। करीब 15 साल पहले ग्वालियर आकर बस गए थे। यहां ठेकेदारी शुरू कर दी। शुरुआत में पार्टनरशिप में काम किया। उसके बाद खुद की फर्म आदित्य बिल्डर्स बना ली। फिलहाल, महापौर निधि से ग्वालियर पूर्व विधानसभा और ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में करीब 8 करोड़ के काम कर रहे थे। उन्होंने बिलौआ में डामर से संबंधित हॉट मिक्स प्लांट भी खोला था।
आरएसएस और भाजपा से जुड़े थे नरेंद्र
नरेंद्र सिंह चौहान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के सदस्य भी थे। उनके कई बड़े नेताओं और मंत्रियों से अच्छे संबंध थे। उनके साथी बिरजू शिवहरे ने बताया कि नरेंद्र किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करते थे। लेनदेन के पक्के थे।
पुलिस तलाश रही विवाद की वजह
ठेकेदार नरेंद्र सिंह का साला राजीव गौड़ उर्फ गुड्डू भी उत्तर प्रदेश के इटावा का रहने वाला है। राजीव सेना में था। उसने वीआरएस ले लिया था। पिछले पांच साल से राजीव और नरेंद्र मिलकर काम कर रहे थे। राजीव और नरेंद्र के बीच लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। इससे घर में तनाव रहने लगा था। दो महीने पहले नरेंद्र ने राजीव से व्यापारिक संबंध खत्म कर लिए थे। घर के पीछे जिस मकान में राजीव रहता था, वह नरेंद्र के नाम पर ही था। नरेंद्र ने उसे खाली करा लिया था। दोनों के बीच में तनाव की यह वजह लेनदेन को लेकर ही थी या फिर कोई और कारण था, पुलिस इसका पता लगा रही है।
लगातार शिकायतों से परेशान था, साले पर शक था
पिछले कुछ महीनों में नरेंद्र की लगातार शिकायतें हो रही थीं। कभी ईओडब्लू तो कभी लोकायुक्त के साथ ही दिल्ली तक जांच एजेंसी में शिकायत की गई है। इसके चलते नरेंद्र तनाव में था। उसे लगता था कि शिकायतों के पीछे राजीव है। इसे लेकर घर में कई बार पति-पत्नी के बीच झगड़ा भी होता था।
सोशल मीडिया से पुराने पोस्ट डिलीट किए थे
नरेंद्र ने कुछ समय से सोशल मीडिया से भी दूरी बना ली थी। फेसबुक अकाउंट से फोटो, वीडियो और पोस्ट डिलीट कर दिए थे। उनका फेसबुक अकाउंट खंगालने पर सिर्फ एक ही पोस्ट दिख रही है, जो 19 जून 2021 की है। नरेंद्र इकलौते बेटे आदित्य सिंह चौहान से बेहद प्यार करते थे। 15 दिन पहले गणेश चतुर्थी पर ही बेटे की डिमांड पर फॉर्च्यूनर कार खरीदी थी।
साले से इतनी नफरत कि तीन जगह लिखा नाम
अपने साले राजीव से नरेंद्र इतनी नफरत करता था कि मौत के बाद भी कई जगह उसका नाम लिखकर गया है। ठेकेदार की पत्नी ने हाथ की हथेली पर सुसाइड नोट लिखा है। इसमें लिखा है, मेरा भाई हमारी मौत का जिम्मेदार है। सरकार से अपील है कि उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जाए। दूसरे हाथ पर भी लिखकर मौत के लिए भाई को जिम्मेदार बताया है।
घटना स्थल से पुलिस को चिट्ठी भी मिली है। इसमें भी तीनों की मौत के लिए राजीव गौड़ उर्फ गुड्डू को जिम्मेदार ठहराया गया है।
पुलिस बोली- मामले की जांच कर रहे
सीएसपी आयुष गुप्ता ने बताया कि सुसाइड नोट में मृतक की पत्नी ने अपने भाई को मौत के लिए जिम्मेदार बताया है। जांच की जा रही है।