पश्चिम बंगाल एक बार फिर सियासी और कानूनी हलचल का केंद्र बन गया है। मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा की आग अब देश की सबसे बड़ी अदालत तक पहुंच चुकी है। इस मामले में वरिष्ठ वकील विष्णु शंकर जैन ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की है। अब इस गूंजते मामले की सुनवाई मंगलवार को होनी तय है।
राज्य की कानुन व्यवस्था है चरमराई
वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 के पारित होने के बाद भड़की हिंसा को लेकर दायर की गई इस याचिका में जैन ने कहा कि राज्य की कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और हालात काबू से बाहर हो चुके हैं।
जब जैन ने इस याचिका का ज़िक्र जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के सामने किया, तो कोर्ट ने तीखा सवाल दागा कि “क्या आप चाहते हैं कि हम केंद्र सरकार को राष्ट्रपति शासन लागू करने का आदेश दें?” इस पर जैन ने ज़ोर देते हुए कहा कि “स्थिति बेहद गंभीर है, तुरंत पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती ज़रूरी है। बंगाल में पहले से पोस्ट-पोल हिंसा को लेकर मेरी याचिका लंबित है, जिसमें 2022 में नोटिस जारी हो चुका है।”
कोर्ट ने किया पलटवार
सुप्रीम कोर्ट ने तीखा जवाब देते कहते हुए कहा कि “हम पर तो पहले ही कार्यपालिका में दखल देने के आरोप लगते है!” खैर इसके बाद भी याचिका मंजुर कर ली गई है जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। अब सबकी निगाहें कल की सुनवाई पर टिकी हैं। क्या सुप्रीम कोर्ट कोई बड़ा आदेश देगा? क्या बंगाल की राजनीति में भूचाल आने वाला है?