स्वतंत्र समय, कटनी
पूर्व विधायक धुवप्रताप सिंह का 5 माह में ही कांग्रेस (Congress) से मोहभंग हो गया। विधानसभा चुनाव के पहले वे भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्हें कांग्रेस में लाने में दिग्विजय सिंह की प्रमुख भूमिका रही। विजयराघवगढ़ से टिकट की आस में धुवप्रताप कांग्रेस में आये थे, लेकिन उनकी यह ख्वाहिश पूरी नहीं हो सकी, उसके बाद से ही वे पार्टी में अनमने रहे। एक माह पहले 10 फरवरी को लखनऊ में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद से ही वे सियासत में अपनी नई जमीन की तलाश कर रहे हैं। सम्भावना है कि वे बीजेपी में लौट सकते हैं।
Congress पार्टी में आगे बढ़ने की इच्छा शक्ति की कमी है
स्वतंत्र समय से बातचीत में धुवप्रताप सिंह ने कहा कि भगवान राम पूरे देश के आराध्य है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान कांग्रेस (Congress) नेताओं की गैरमौजूदगी से उनका मन दुखी हो गया। एक कार सेवक के तौर पर मैंने भी भगवान राम के मंदिर बनाने को लेकर लड़ाई लड़ी है। इसी वजह से 1992 में चार दिन जेल में भी रहना पड़ा था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कुछ महीने रहने के बाद यह एहसास हुआ कि पार्टी में आगे बढ़ने की इच्छा शक्ति की कमी है। लोकसभा चुनाव सिर पर है, लेकिन कांग्रेस के अंदर लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर कोई भी हलचल नहीं है। उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी को भेज दिया है।