कर्मचारियों के काम के घंटों के मुद्दे पर इस समय देश भर में बड़े पैमाने पर बहस चल रही है। कई प्रमुख कंपनियों के प्रमुख घर पर बैठने के बजाय रविवार को कार्यालय आकर काम करने की बात कर रहे हैं। ऐसे समय में, 31 जनवरी को संसद में प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण 2025 में प्रमुख विवरण सामने आए। इस बात पर चिंता व्यक्त की गई है कि सप्ताह में 60 घंटे से अधिक काम करने से स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि जो कर्मचारी प्रतिदिन 12 घंटे से अधिक कार्यालय में बिताते हैं, उनमें मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं विकसित होने की संभावना होती है।
अधिक काम से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव
कार्य घंटों को सामान्यतः उत्पादकता का माप माना जाता है। इसका मतलब यह है कि आप जितना अधिक समय तक काम करेंगे, आप उतने ही अधिक उत्पादक होंगे। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और आईएलओ की रिपोर्टों के अनुसार, सप्ताह में 55 से 60 घंटे से अधिक काम करने से कर्मचारी के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि इससे मानसिक रूप से टूटने का खतरा है। आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 ने भी यह बात स्पष्ट कर दी है। इसमें मानव मस्तिष्क और मन पर सेपियन लैब्स द्वारा किए गए शोध का हवाला दिया गया। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग दफ्तरों में 12 घंटे से अधिक काम करते हैं उनका मानसिक स्वास्थ्य नियमित घंटों काम करने वालों की तुलना में 100 अंक कम होता है।
दूसरी ओर, आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि कार्यालय का माहौल और सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध भी उत्पादकता पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के साथ महीने में कम से कम 2-3 दिन बिताना जरूरी है, क्योंकि ऐसा करने से कर्मचारियों में तनाव और मानसिक समस्याएं दूर होंगी, जिससे उनकी जीवनशैली बेहतर होगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, आर्थिक सर्वेक्षण ने दुनिया भर में कर्मचारियों में तनाव और चिंता के कारण भारी नुकसान के जोखिम को उजागर किया है।
कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए
कुछ दिन पहले एलएंडटी के चेयरमैन एन सुब्रमण्यन ने टिप्पणी की थी कि कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए। इससे बड़े पैमाने पर बहस छिड़ गई। कई कर्मचारियों, उद्योगपतियों और सनी लियोनी अभिनेताओं ने कड़ी आपत्ति व्यक्त की। इससे पहले इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने भी इसी तरह की टिप्पणी की थी। उन्होंने कई मंचों पर कहा है कि कर्मचारियों को सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए, तभी देश दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए आगे बढ़ सकेगा। इस तरह की टिप्पणियों से मशहूर हस्तियों के बीच मतभेद पैदा हो रहे हैं। अब आर्थिक सर्वेक्षण ने जैकपॉट मार लिया है। ऐसा कहा जाता है कि 60 घंटों से अधिक काम करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।