स्वतंत्र समय, इंदौर/भोपाल
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि एड्स ( AIDS ) को लेकर चर्चा करने में कई संकोच नहीं करना चाहिए। जब मैं इस पर बात कर सकता हूं तो आपको भी समाज में जाकर खुलकर चर्चा करना चाहिए। स्कूलों में कार्यक्रम होना चाहिए। 9वीं-10वीं के बच्चों को अवेयर करना चाहिए।
नड्डा बोले-AIDS को लेकर कैंपेन चलाना चाहिए
इंदौर में एड्स ( AIDS ) पर आयोजित एक कार्यक्रम में नड्डा ने कहा- कैंपेन चलाना चाहिए। हेल्दी बिहेवियर को प्रमोट करना चाहिए। वर्ल्ड एड्स डे और उसके खिलाफ चल रही जंग को डेडिकेट और रि-डेडिकेट करने का दिन है। अभी ऐसी कोई दवा नहीं आई है जो पूरी तरह एचआईवी को ठीक कर सके। दवाएं तो पूरे समय खाना पड़ेंगी। लेकिन दवाओं से व्यक्ति पूरे जीवन स्वस्थ रह सकता है। इसलिए ऐसे लोगों को समाज में जगह देना चाहिए। इस दौरान उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में सब कुछ बदला लेकिन तेरा स्टेटस नहीं बदला। तुम निपटते ही रह गए।
भारत अब वैक्सीन लेने नहीं दुनिया को सप्लाई करने वाला देश
नड्डा ने कहा कि, एक समय ऐसा था जब भारत में टिटनेस की दवा को 40 साल, टीबी की दवा को 30 साल, डिप्थीरिया की दवा को 30 साल, जापानी बुखार को ठीक करने वाली दवा आने में 100 साल लग गए। लेकिन अब भारत ऐसे बदल कि कोरोना आया और 9 माह में भारत ने दो-दो वैक्सीन बनाकर पूरी दुनिया को सप्लाई की। यह बदलता भारत है। कोरोना मैनेजमेंट को उठाकर देखिए। अमेरिका में स्ट्राइक हुई, यूरोप में लोगों ने लॉकडाउन लगाने से रोका, कई देश लॉकडाउन लगाने के लिए तय नहीं कर पाए। वे असमंजस में थे। लेकिन भारत में पहले जनता कर्फ्यू फिर लॉकडाउन लगाए।
सब कुछ बदला लेकिन तेरा स्टेटस नहीं बदला
विरोधियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने केंद्र में भाजपा सरकार आने के बाद एड्स बीमारी पर कंट्रोल रिसर्च और डेवलपमेंट के साथ कोरोना वैक्सीन तक का सफर बताया। उन्होंने कहा कि फिर भी लोग बोलते हैं कि भाजपा सरकार आने के बाद कुछ नहीं बदला। मैं कहता हूं सब कुछ बदल गया लेकिन तेरा स्टेटस नहीं बदला। तुम निपटते ही रह गए। तुम ऐसे ही रहोगे। तुम नहीं बदले। बाकी सब बदल गया।
नई जनरेशन को एड्स के काले अध्याय की जानकारी नहीं: नड्डा
नड्डा ने कार्यक्रम में मौजूद बच्चों से बात करते हुए कहा कि हमारे समाज ने देश में एड्स की लंबी लड़ाई लड़ी है। लेकिन, हमारे नौजवानों ने अंधकार का वो काला दौर नहीं देखा। इसलिए आपको मालूम नहीं है कि एड्स का मतलब क्या है। आप लोगों ने 80 का दशक नहीं देखा। आपको मालूम नहीं है कि एड्स मतलब क्या होता है। उस समय अगर कोई एड्स मरीज किसी को छू जाए तो लोग डर जाते थे। लोग ऐसे परिवारों से दूर रहते थे। हेयर कटिंग सैलून वाला बार-बार अपने उस्तरे को पोछता था तब डर लगता था। यह दौर शायद मुख्यमंत्री, सिलावट और राजेंद्र शुक्ला जी ने देखा है।
2028 तक वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त करेंगे: यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इस आयोजन से समुदायों, युवाओं, लाभार्थियों और विभिन्न संगठनों को एक साथ लाकर वर्ष 2030 तक एचआईवी, एड्स को समाप्त करने के वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त करने, चुनौतियों का समाधान करने में मददगार होगा। हमारा प्रयास होगा की यूएन की थीम, ‘टेक द राइट्स पाथ’ के अनुरूप कार्य कर वर्ष 2028 तक वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त किया जा,। ऐसे कार्यक्रमों से समाज में जागरूकता आ,गी। उन्होंने कहा कि सरलीकृत व्यवस्था से प्रदेश में मेडिकल कॉलेज खोलने के कार्य को नुे गति मिली है। अब प्रदेश में तेजी से नए मेडिकल कॉलेज स्थापित हो रहे है। चिकित्सा शिक्षा के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार भी तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में एलोपेथिक के साथ ही अन्य चिकित्सा पद्धतियों से उपचार को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।