वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे स्पेशल : मध्यप्रदेश के भोपाल की चर्चित चित्रकार नवाब जहां बेगम ने वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे पर एक ऐसी अनोखी कलाकृति तैयार की है, जिसमें पत्रकारो की मार्मिक भावनाओ को बड़ी खूबसूरती से दर्शाया गया है। नवाब जहां बेगम ने एक कैनवास पर पत्रकारिता की ताकत, पत्रकारो के बलिदान, चुनौतियो को बेहद मार्मिक तरीके से उतारा है।
आपको बता दें कि नवाब जहां की ये पेंटिंग न केवल एक कलात्मक रचाना है, बल्कि वैश्विक पत्रकारिता को समर्पित एक प्रतीकात्मक श्रद्धांजलि है। इस अनूठी पेंटिंग में ‘वर्ल्ड जर्नलिज्म’ शब्द को 25 अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में लिखा गया है। इस कलाकृति के माध्यम से यह दर्शाय गया है कि पत्रकारिता की आजादी न केवल देश की है, बल्कि एक वैश्विक समाज की साझा विरासत भी है।
कैनवास पर बनाए खून के धब्बे
कैनवास पर बनी इस पेंटिंग पर हर भाषा में पत्रकारिता के संघर्ष और उसकी जिम्मेदारियो को दर्शाया गया है। इस पेंटिंग की सबसे मार्मिक भावना ये है कि इसमें खून के धब्बे बने है। जिसपर आर्टिस्ट नवाब जहां के विचार है कि ये धब्बे केवल रंग नहीं बल्कि उन पत्रकारो की याद है, जिन्होने सच्चाई के लिए अपनी जान तक कुर्बान करदी। कई रिपोर्टर फिजिकल हमलो, मानसिक उत्पीड़न, जेल और जानलेवा खतरो के बावजूद भी मैदान में डटे रहते है।
पेटिंग में दिखाए पत्रकारो के बलिदान
यह पेंटिंग बताती है कि पत्रकारिता एक पेशा नहीं है, बल्कि एक जिम्मेदारी वाला मिशन है। इस थामने के लिए जज्बा और बलिदान चाहिए। सूत्रो के अनुसार नवाब जहां ने बताया कि पिछले एक दशक में दुनियाभर में करीब 1000 से अधिक पत्रकारो ने युद्ध, आतंक और तानाशाही के बीच रिपोर्टिंग करते हुए अपनी जान गंवाई है। पेटिंग के माध्यम से पत्रकारिता में हर एक पत्रकार का संघर्ष दिखाया गया है। पत्रकारो ने देश के हर मुद्दे पर अपनी जान पर बाजी लगाकर अहम भूमिका निभाई है।