Yashwant Club ने की 15 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी

स्वतंत्र समय, इंदौर
शासकीय भूमि पर मात्र 6/-प्रतिमाह लीज पर आंवटित यशवंत क्लब ( Yashwant Club ) इंदौर में क्लब के अध्यक्ष,सचिव,पूर्व अध्यक्ष एवं समस्त पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से सुनियोजित षड्यंत्र रचकर इंदौर नगर निगम में 15 करोड़ से ज़्यादा राशि की धोखाधड़ी स्वघोषित संपत्ति कर में की हैं।

Yashwant Club के कर्ताधर्ताओं ने की धोखाधड़ी

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव राकेश सिंह यादव ने बताया कि यशवंत क्लब ( Yashwant Club ) के कर्ताधर्ताओं ने संयुक्त रूप से षड्यंत्र करके इंदौर के विकास में लगने वाला नगर निगम की टैक्स राशि को पिछले 50 साल से धोखाधड़ी करके लूट रहे हैं। यशवंत क्लब के अध्यक्ष,सचिव,पूर्व अध्यक्ष सहित कार्यकारिणी के समस्त पदाधिकारियों पर बीएनएस की धारा 318(4),61,303,152 के अंतर्गत मुक़दमा दर्ज करके यशवंत क्लब परिसर को सील करके लीज निरस्त करने के साथ ही तत्काल रिसीवर बैठाने की मॉंग की गई है। उल्लेखनीय है कि यशवंत क्लब के कारनामें एक-एक करके सामने आ रहे हैं।

पिछले 50 साल से जारी टैक्स चोरी

-यशवंत क्रिकेट क्लब से यशवंत क्लब में तब्दील होने के बाद कुलीनों ने नगर निगम संपत्तिकर चोरी का ऐतिहासिक कारनामा कर दिखाया हैं। उल्लेखनीय हैं की यशवंत क्लब द्वारा संपत्तिकर की चोरी का विवरण:
राजस्व रिकॉर्ड में क्षेत्रफल =
(1) कुल भूमि =6.0590 हेक्टेयर।
लगभग =14.965 एकड़ ।
इंदौर नगर निगम में दर्ज रिकॉर्ड अनुसार यशवंत क्लब संपत्ति कर दे रहा हैं:
(1) कुल भूमि=3.692 हेक्टेयर ।
लगभग = 9.12 एकड़ ।
यशवंत क्लब का मौक़े पर जमीन पर कब्जा एंव उपयोग:
(1) कुल भूमि = 6.109 हेक्टेयर ।
लगभग =15.09 एकड़ ।
नगरनिगम में संपत्ति कर कुल भूमि 2.41 हेक्टेयर लगभग 5.97 एकड़ का टैक्स पिछले 50 साल से नहीं दिया जा रहा हैं। षड्यंत्र पूर्वक सालों से टैक्स बचाया हैं। लगभग गणना अनुसार 12 से 15 करोड़ टैक्स की हेराफेरी की गई हैं। ऐतिहासिक आर्थिक घोटाला हैं सरकार को तत्काल यशवंत क्लब को सीज करके अध्यक्ष और सचिव एंव पूर्व अध्यक्ष की संपत्ति संपत्तिकर की वसूली के लिए जप्त करना चाहिए।
क्रिकेट टीम पिछले 30 साल से लापता
– यशवंत क्लब आज से तीस साल पहले क्रिकेट क्लब के रूप में पहचाना जाता था।लेकिन तीस सालों से यशवंत क्लब की न क्रिकेट टीम हैं न ही ए ग्रेड के क्रिकेट क्लब का रजिस्ट्रेशन आईडीसीए से हैं।
पिछले 30 साल में एक भी
खिलाड़ी यशवंत क्लब से निकलकर जिला स्तर पर भी नहीं पहुंचा हैं। यशवंत क्लब में क्रिकेट का बल्ला पकडऩे वाला एक भी खिलाड़ी नहीं हैं।
ओबीसी-एससी-एसटी, अल्पसंख्यक का सदस्य नहीं
-यशवंत क्लब में भारत के संविधान की उल्लंघन करते हुए नियमों में बदलाव नहीं करके संविधान की धज्जियाँ उड़ाई जाती हैं। ओबीसी,एससी, एसटी, अल्पसंख्यकवर्ग के व्यक्तियों को दरकिनार करके सदस्य नहीं बनाया जाता हैं। जबकि यह क्लब शासकीय लीज की भूमि पर निर्मित हैं। यशवंत क्लब की असंवैधानिक गतिविधियों के कारण लीज निरस्त करके यशवंत क्लब का अधिग्रहण सरकार को तत्काल करना चाहिए।
यशवंत क्लब में मिस द बस योजना का मिस यूज करके सदस्यता का खेल
– मिस द बस योजना भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितताओं की योजना हैं। यशवंत क्लब के पदाधिकारियों ने सबसे पहले मिस द बस योजना में सद्सके बच्चों को सदस्य बनाने के लिए उम्र का निर्धारण किया। इसमें 50 हज़ार में सदस्य बनाए गये । इसके बाद एक अवैध एजीएम (अवैध इसलिए की एमजीएम की अध्यक्षता करने वाले का पेमेंट बकाया था) में निर्णय करके ‘मिस द बस’ योजना में उम्र बंधन समाप्त करके सचिव ने अपने भाई को मात्र 5 लाख में एंव भाई के बच्चों को मात्र 50-50 हज़ार में सदस्य बना लिया। जबकि 100 सदस्य बनाने की योजना जारी होने वाली थी, लेकिन नये सदस्य योजना में प्रति सदस्य जीएसटी सहित लगभग 30 लाख रूपये प्रति व्यक्ति यशवंत क्लब को प्राप्त होते। लेकिन सचिव ने ‘मिस द बस’ योजना का मिस यूज करके 90 लाख का आर्थिक घोटाला करके यशवंत क्लब को चूना लगाया। यशवंत क्लब सचिव के भाई के 90 लाख बच गये। सचिव के भाई और उनके बच्चे मात्र 6 लाख में यशवंत क्लब के सदस्य बन गये।
लीज की जमीन पर बार एंड रेस्टोरेंट तथा कार्ड रूम की अनुमति नहीं
– शासन द्वारा प्रदत्त लीज डीड में यशवंत क्लब में बार एंड रेस्टोरेंट तथा कार्ड रूम बनाने की सक्षम अनुमति या शर्त नहीं हैं। लीज की भूमि का उपयोग क्रिकेट क्लब एवं खेल के लिए निर्धारित हैं। लेकिन यशवंत क्लब के कर्ताधर्ताओं ने क्लब की जमीन को नगर निगम से व्यवसायिक उपयोग का टैक्स कराकर व्यवसायिक उपयोग शुरू कर दिया। वहीं जिला प्रशासन से तथ्य छिपाकर लीज का नवीनीकरण मात्र 6/- प्रतिमाह में खेल उपयोग के लिए कराया गया।जबकि नियमानुसार व्यवसायिक लीज रेंट जिला प्रशासन से लीज दर को व्यावसायिक कराना था।लेकिन तथ्यों को छिपाकर धोखाधड़ी करके  जिला प्रशासन और सरकार के राजस्व की हानि करते हुए करोड़ों का नुकसान किया। जि़ला प्रशासन को धोखाधड़ी करने के अपराध में एफ़आइआर दर्ज कराना चाहिए ।
लीज डीड से लेआउट प्लान  मेजरमेंट का गायब किया
– जिला प्रशासन की लीज डीड से ले-आउट प्लान गायब करके राजस्व का नुकसान करने का षड्यंत्र किया गया।कितनी जमीन लीज डीड में आवंटित हैं इसका खुलासा नहीं किया गया हैं। ले-आउट प्लान गायब हैं। आबकारी विभाग ने लीज डीड एंव फर्म एंड सोसाइटी के स्वीकृत नियमों के विपरीत बार एंड रेस्टोरेंट अवैध दस्तावेज़ों के आधार पर खेल से संबंधित क्लब में लाइसेंस दिया। यह सरकार के नियमों सहित फर्म एंड सोसायटी एंव लीज डीड का खुला उल्लंघन हैं। तत्काल बार लायसेंस निरस्त करके लीज निरस्त जिला प्रशासन को करना चाहिए।

30 साल से नहीं की गई चेकिंग

  • लगभग 30 साल से आबकारी विभाग ने नियमित चेकिंग बार एंड रेस्टोरेंट की नहीं करने के साथ ही पुलिस ने भी नियमित चेकिंग कार्ड रूम की पिछले 30 साल में नहीं करके अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दिया हैं। तत्काल जॉंच की कार्यवाही होना चाहिए।
  • दस्तावेजी सबूतों के साथ सीएम, डीजीपी, ईओडब्लू को शिकायत
  • पुलिस प्रशासन की नो रेड नो एंट्री से अपराधियों के लिए सुरक्षित  पनाहगार बना।
  • यशवंत क्लब में कितने सदस्यों पर अपराधिक एंव आर्थिक अपराध के मुकदमे चल रहें हैं इसकी जानकारी क्लब सार्वजनिक करके बोर्ड पर लगायें।
  • आर्थिक अनियमितताओं के आरोपों की जॉंच हेतु यशवंत क्लब के 25 साल की ऑडिट रिपोर्ट एंव बैंक खातों का मिलान किया जाये।
  • यशवंत क्लब ने संविधान के नियमों का पालन नहीं करके अंग्रेजों के नियमों के अनुरूप क्लब के नियम बनाये हैं।समय अनुसार संविधान के अनुरूप क्लब के नियमों में सुधार नहीं करके संविधान को चुनौती दी गई हैं:-
  • यशवंत क्लब में बांसवाड़ा से संबंधित कुछ वोटर पीढ़ी दर पीढ़ी काम कर रहें हैं।इनकी संख्या दस से बारह हैं।ये मामला गंभीर हैं जांच का विषय हैं क्योंकि इंदौर में अधिकतर ड्रग्स सप्लाई इन्हीं क्षेत्रों होती हैं।
  • फर्म एंड सोसाइटी के अधिकारी एंव आबकारी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध हैं।
  • लगभग 30 साल से आबकारी विभाग ने नियमित चेकिंग बार एंड रेस्टोरेंट की नहीं करने के साथ ही पुलिस ने भी नियमित चेकिंग कार्ड रूम की पिछले 30 साल में नहीं करके अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दिया हैं। तत्काल जॉंच की कार्यवाही होना चाहिए।
  • पुलिस प्रशासन की नो रेड नो एंट्री से अपराधियों के लिए सुरक्षित  पनाहगार यशवंत क्लब बन गया हैं। गेस्ट एंट्री के ज़रिये अनेक ऐसे असामाजिक तत्व सुरक्षित होकर यशवंत क्लब में विराजित रहते हैं। गेस्ट एंट्री का विधिवत रिकॉर्ड एंव गेस्ट के आधार कार्ड नहीं लिये जाते हैं। सारा खेल बिना दस्तावेज जॉंच के चलता हैं।यह अत्यंत गंभीर विषय हैं। इस संदर्भ में पुलिस विभाग एंव आबकारी विभाग को तत्काल कार्यवाही करना चाहिए।
  • यशवंत क्लब में कितने सदस्यों पर अपराधिक एंव आर्थिक अपराध के मुकदमे चल रहें हैं इसकी जानकारी क्लब सार्वजनिक करके बोर्ड पर लगाना चाहिए। जब चुनाव में अपराधों की जानकारी देना अनिवार्य हैं। तब यशवंत क्लब के सदस्यों पर आर्थिक अपराध एवं अन्य आपराधिक प्रकरणों की जानकारी क्लब के बोर्ड पर सार्वजनिक लगाना अनिवार्य करना चाहिए ।जिससे की कुलीनों के मध्य मौजुद माफिया बेनक़ाब हो सकें।
  • आर्थिक अनियमितताओं के आरोपों की जॉंच हेतु यशवंत क्लब के 25 साल की ऑडिट रिपोर्ट एंव बैंक खातों का मिलान किया जाना चाहिए। निर्माण कार्यों से लेकर प्रत्येक निवेश की बारीकी से जॉंच के लिए 25 साल की ऑडिट रिपोर्ट का बैंक खातों से मिलान करके स्वतंत्र एजेंसी से ऑडिट वेरिफिक़ेशन करना चाहिए। जिससे की आर्थिक अनियमितताओं का पता लगाया जा सकें।
  • यशवंत क्लब ने संविधान के नियमों का पालन नहीं करके अंग्रेजों के नियमों के अनुरूप क्लब में नियम बनाये हैं। समय अनुसार संविधान के अनुरूप क्लब के नियमों में सुधार नहीं करके संविधान को चुनौती दी गई है। सरकार को तत्काल यशवंत क्लब की लीज निरस्त करके रिसीवर नियुक्त करना चाहिए। क्योंकि वर्तमान में शासकीय यशवंत क्लब की जमीन का व्यवसायिक उपयोग सरकार करेगीं तो 15 हज़ार करोड़ से ज़्यादा राजस्व की प्राप्ति प्रोजेक्ट के ज़रिए होगी। क्लब को कहीं अन्य जगह खेल गतिविधियों के लिए ज़मीन आवंटित कर देना चाहिए।
  • यशवंत क्लब में बांसवाड़ा राजस्थान से संबंधित कुछ वेटर पीढ़ी दर पीढ़ी काम कर रहें हैं। इनकी संख्या दस से बारह हैं। इनकी गतिविधियाँ संदिग्ध हैं। नार्कोटिक्स विभाग जॉंच करें।
  • फर्म एंड सोसाइटी के अधिकारी एंव आबकारी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध हैं। दोनों विभाग के अधिकारियों ने फर्म एंड सोसाइटी के नियमों सहित लीज शर्तों का उल्लंघन करके बार एंड रेस्टोरेंट की अवैध अनुमति प्रदान की गई हैं। जिला प्रशासन को तत्काल बार एंड रेस्टोरेंट की अनुमति निरस्त करके लीज समाप्त करने कार्यवाही के पूर्व रिसीवर नियुक्त करके आर्थिक घोटालों की जॉंच करना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव राकेश सिंह यादव ने दस्तावेजी सबूतों सहित मुख्यमंत्री, संभागायुक्त,जिला प्रशासन,नगर निगम आयुक्त,डीजीपी म.प्र,आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज करायी गई हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में दलित समाज के नेता तेज प्रकाश राणे एंव अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा(रजि.) के शहर अध्यक्ष दीपेंद्र बागरे ने भी दलितों के पक्ष में यशवंत क्लब द्वारा बाबा साहेब आम्बेडकर के संविधान का उल्लंघन करने का कड़ा आरोप लगाकर जिला प्रशासन से लीज निरस्त करके यशवंत क्लब में रिसीवर नियुक्त करने की मॉंग की हैं।