योगी सरकार ने बनाई बच्चों की सहायता की रणनीति

योगी सरकार : उत्तर प्रदेश सरकार ने बाल श्रम खत्म करने के लिए एक नई योजना बनाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में श्रम विभाग ने यह योजना तैयार की है। इसमें महिला और बाल विकास विभाग को अहम जिम्मेदारी दी गई है। यह विभाग उन बच्चों की पहचान करेगा जो मुश्किल हालात में हैं और उनकी मदद करेगा। उनका दोबारा बसाना भी इसी विभाग की जिम्मेदारी होगी। सरकार का लक्ष्य है कि दिसंबर 2026 तक बहराइच, बलरामपुर, चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर और सोनभद्र जिलों को बाल श्रम से मुक्त किया जाए। कानपुर और देवीपाटन मंडलों में भी विशेष अभियान चलेगा।

बाल श्रमिकों के भविष्य को संवारेंगी नई पुनर्वासन योजनाएं

महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत वन स्टॉप सेंटर, बाल सेवा योजना और स्पॉन्सरशिप योजना जैसी योजनाओं का इस्तेमाल बाल श्रमिकों के पुनर्वासन में किया जाएगा। वन स्टॉप सेंटर संकट में फंसे बच्चों को अस्थायी आश्रय, पहचान, स्वास्थ्य जांच और परामर्श देता है। बाल सेवा योजना के तहत अनाथ और जरूरतमंद बच्चों को हर महीने 2500 रुपये दिए जाते हैं ताकि उनकी पढ़ाई और देखभाल सही हो सके। स्पॉन्सरशिप योजना से गरीब परिवार के बच्चों को भी मासिक मदद मिलती है, जिससे वे शिक्षा और जरूरी चीजें पा सकें।

बाल श्रमिक विद्या योजना का होगा व्यापक विस्तार

यूपी सरकार अब बाल श्रमिक विद्या योजना को सभी 75 जिलों में लागू करेगी। इस योजना से काम करने वाले बच्चों को फिर से पढ़ाई में जोड़ा जाएगा। उन्हें छात्रवृत्ति, किताबें, यूनिफॉर्म और खास मदद दी जाएगी। शिक्षा विभाग बच्चों के नामांकन और पढ़ाई की देखरेख करेगा। पंचायत स्तर पर काम करने वाले बच्चों और प्रवासी परिवारों के बच्चों का पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा ताकि कोई बच्चा छूट न जाए। पंचायत सचिव, आंगनबाड़ी और स्कूल समितियां मदद करेंगी। साथ ही, NGOs, स्कूल और समाज के लोग भी बाल श्रम हटाने में साथ देंगे।