अगर आप कम बजट में किसी अंतरराष्ट्रीय जगह की सैर करना चाहते हैं, तो बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में स्थित रक्सौल आपके लिए शानदार शुरुआत बन सकता है। रक्सौल से सटे नेपाल की सीमाएं न सिर्फ खुली हैं, बल्कि यहां से शुरू होकर आप नेपाल के सबसे प्रसिद्ध और खूबसूरत पर्यटन स्थलों की सैर बेहद आसान तरीके से कर सकते हैं। रक्सौल और नेपाल की सीमा पर स्थित चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के संस्थापक अध्यक्ष अरुण कुमार गुप्ता बताते हैं कि जनकपुर, काठमांडू, मनोकामना, पोखरा और मुक्तिनाथ धाम जैसे स्थल ऐसे हैं, जहां हर साल हजारों भारतीय पर्यटक जाते हैं।
केवल 10 हजार में बनाएं 7 दिन की अंतरराष्ट्रीय ट्रिप
अरुण गुप्ता बताते हैं कि अगर कोई ट्रैवलर सही योजना बनाए, तो महज 10 हजार रुपये में 7 दिन की नेपाल यात्रा पूरी कर सकता है। रक्सौल से नेपाल जाने के लिए वीज़ा या पासपोर्ट की जरूरत नहीं होती, जिससे खर्च और झंझट दोनों कम हो जाते हैं।
यात्रा की शुरुआत रक्सौल से बीरगंज
रक्सौल से सबसे पहले आपको नेपाल के बीरगंज जाना होगा। यह नेपाल का एक प्रमुख व्यावसायिक शहर है जो रक्सौल बॉर्डर से सटा हुआ है। यहां से यात्रा की असली शुरुआत होती है।
जनकपुर
बीरगंज से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जनकपुर, जिसे माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है। यह जगह धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां जनक मंदिर, राम सीता विवाह स्थल, और सुंदर बाग-बगिचों को देखना न भूलें। यहाँ का स्थानीय खाना और सांस्कृतिक झलक पर्यटकों को खूब पसंद आती है।
काठमांडू
जनकपुर से आगे बढ़ते हुए अगला पड़ाव होगा काठमांडू। यह शहर नेपाल की राजधानी है और यहां का प्राकृतिक सौंदर्य, प्राचीन मंदिर, स्तूप और ऐतिहासिक स्थल इसे खास बनाते हैं। पशुपतिनाथ मंदिर, स्वयंभूनाथ स्तूप और दरबार स्क्वायर यहां के प्रमुख आकर्षण हैं।
मुक्तिनाथ धाम
काठमांडू के बाद अगला पड़ाव होता है मुक्तिनाथ धाम। यह स्थल धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है और खासकर हिंदू व बौद्ध श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। यहाँ जाना थोड़ा दुर्गम जरूर होता है, लेकिन एक बार पहुंचने पर जो अनुभव होता है, वह अनमोल होता है।
पोखरा और मनोकामना
इस ट्रिप में पोखरा और मनोकामना मंदिर को भी जोड़ा जा सकता है। पोखरा को एडवेंचर स्पोर्ट्स और प्राकृतिक नजारों के लिए जाना जाता है। वहीं मनोकामना मंदिर, जो पहाड़ की चोटी पर स्थित है, वहाँ तक पहुंचने के लिए रोपवे का अनुभव बेहद खास होता है।