सनातन धर्म में सावन का महीना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। यह मास सम्पूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दौरान भक्तजन भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए विविध पूजन विधियों में सम्मिलित होते हैं, जिनमें रुद्राभिषेक को सर्वोच्च माना गया है।
यह एक ऐसी पावन क्रिया है जिसमें भगवान शिव का अभिषेक विशेष सामग्रियों से किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, रुद्राभिषेक से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि, आरोग्यता और सौभाग्य का वास होता है।
सावन की वह 12 तिथियां जब शिव करते हैं पार्वती संग वास
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सावन माह में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की कुल 12 तिथियां ऐसी मानी जाती हैं जब भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी पर वास करते हैं। इन विशेष तिथियों पर रुद्राभिषेक करने से भक्तों को शिव की अनंत कृपा प्राप्त होती है।
कृष्ण पक्ष की शुभ तिथियां:
- प्रतिपदा
- चतुर्थी
- पंचमी
- अष्टमी
- एकादशी
- अमावस्या
शुक्ल पक्ष की शुभ तिथियां:
- द्वितीया
- पंचमी
- षष्ठी
- नवमी
- द्वादशी
- त्रयोदशी
इन तिथियों को अत्यंत फलदायी माना गया है और इन पर रुद्राभिषेक करना विशेष लाभकारी बताया गया है।
2025 के सावन मास की महत्वपूर्ण तिथियां
इस वर्ष के सावन में रुद्राभिषेक के लिए शुभ मानी जाने वाली तिथियां निम्नलिखित हैं:
- 14 जुलाई: कृष्ण पक्ष की चतुर्थी और पंचमी
- 17-18 जुलाई: अष्टमी तिथि (शाम 5:47 से अगले दिन 3:36 तक)
- 20-21 जुलाई: एकादशी तिथि (सुबह 10:29 से अगले दिन 8:04 तक)
- 24 जुलाई: अमावस्या तिथि (रात 12:36 तक)
- 26 जुलाई: शुक्ल पक्ष की द्वितीया (सूर्योदय से रात 11:08 तक)
- 29-30 जुलाई: पंचमी व षष्ठी तिथि
- 2-3 अगस्त: नवमी तिथि (सुबह 5:57 से अगले दिन 8:05 तक)
- 5-7 अगस्त: द्वादशी और त्रयोदशी (सुबह 11:29 से 7 अगस्त दोपहर 1:26 तक)
इन तिथियों पर रुद्राभिषेक करने से विशेष रूप से सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है, और जीवन में आने वाली बाधाएं शांत होती हैं।
रुद्राभिषेक से प्राप्त होने वाले विशेष लाभ
- जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन : रुद्राभिषेक से जीवन में शांति और संपन्नता का प्रवेश होता है। यह व्यक्ति के मानसिक और भौतिक जीवन को संतुलित करता है।
- निरोगी जीवन की प्राप्ति : सावन में अभिषेक करने से शरीर की बीमारियों से मुक्ति मिलती है और आरोग्यता बनी रहती है।
- मनोकामना पूर्ति का सशक्त उपाय : विशेष तिथियों पर रुद्राभिषेक करने से भक्त की सभी सच्ची इच्छाएं पूर्ण होने लगती हैं।
- शत्रु नाश और नकारात्मक ऊर्जा का शमन : शिव की कृपा से रुद्राभिषेक करने वाले पर शत्रुओं का प्रभाव नहीं पड़ता और सभी नकारात्मक शक्तियां समाप्त हो जाती हैं।
- ग्रह दोषों का निवारण : ज्योतिषीय दोषों और कुंडली से संबंधित ग्रहबाधाएं भी रुद्राभिषेक से दूर होती हैं।
- संतान सुख की प्राप्ति : जिन दंपत्तियों को संतान प्राप्त नहीं हो रही, उनके लिए यह रुद्राभिषेक अत्यंत लाभकारी माना गया है।
- मोक्ष की प्राप्ति : रुद्राभिषेक का पुण्यफल इतना प्रभावशाली होता है कि यह मृत्यु के बाद मोक्ष के मार्ग को सुगम बनाता है।