Benefits of Brahma Muhurta : जीवन में सुख, शांति और सफलता चाहिए? तो ब्रह्म मुहूर्त में करें ये कार्य

Benefits of Brahma Muhurta : हिंदू धर्म और वैदिक ज्योतिष में ब्रह्म मुहूर्त को दिन का सबसे पवित्र और ऊर्जावान समय माना गया है। यह काल सूर्योदय से लगभग 96 मिनट पूर्व आरंभ होता है और सूर्य के उदय तक चलता है। इस समय को “देवताओं का समय” भी कहा जाता है, जब वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह चरम पर होता है। ऐसा माना जाता है कि इस समय में किए गए आध्यात्मिक, मानसिक और बौद्धिक कार्य अत्यंत सफल और प्रभावी होते हैं।

ब्रह्म मुहूर्त का समय निर्धारण कैसे होता है?

सामान्य रूप से ब्रह्म मुहूर्त सूर्योदय से ठीक 1 घंटा 36 मिनट पहले शुरू होता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी स्थान पर सूर्योदय प्रातः 6:00 बजे हो रहा है, तो ब्रह्म मुहूर्त का आरंभ लगभग 4:24 बजे होगा और इसका समापन सूर्योदय के साथ ही होगा। इस संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली अवधि में किया गया प्रत्येक कार्य व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होता है।

ध्यान, योग और प्राणायाम के लिए आदर्श समय

ब्रह्म मुहूर्त को आत्मिक और मानसिक शुद्धता के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है। इस समय वातावरण शांत होता है, जिससे ध्यान और प्राणायाम की गुणवत्ता कई गुना बढ़ जाती है। योग अभ्यास से शरीर की उर्जा जाग्रत होती है और चित्त स्थिर रहता है। नियमित रूप से इस काल में योग करने से मानसिक तनाव में कमी, शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार और आत्मिक संतुलन की अनुभूति होती है।

विद्यार्थियों के लिए स्वर्णिम समय

प्राचीन शास्त्रों में वर्णित है कि ब्रह्म मुहूर्त में अध्ययन करने से स्मरण शक्ति और ग्रहण शक्ति तीव्र हो जाती है। यही कारण है कि पुराने समय में विद्यार्थी सूर्योदय से पहले पढ़ाई आरंभ करते थे। इस समय मस्तिष्क बिल्कुल शांत, ताजा और ग्रहणशील होता है, जिससे कठिन विषयों को समझना और याद रखना आसान हो जाता है।

पूजा-पाठ और मंत्र जाप का प्रभाव कई गुना अधिक

धार्मिक दृष्टि से ब्रह्म मुहूर्त में की गई पूजा, मंत्रोच्चारण और साधना अत्यंत फलदायी मानी जाती है। शिव मंत्र, गायत्री मंत्र या विष्णु सहस्रनाम का जप इस समय करना विशेष पुण्यदायक होता है। ऐसा माना जाता है कि इस काल में की गई साधना सीधा ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ती है, जिससे साधक को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।

आत्ममंथन और नए संकल्पों के लिए उपयुक्त समय

ब्रह्म मुहूर्त केवल क्रियात्मक गतिविधियों का समय नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और आत्मसाक्षात्कार का भी श्रेष्ठ समय है। इस वेला में व्यक्ति अपनी अंतरात्मा से संवाद कर सकता है, स्वयं के जीवन, उद्देश्य और मार्गदर्शन पर चिंतन कर सकता है। यह समय नए विचारों और संकल्पों को जन्म देने का भी होता है।

स्नान व दिनचर्या की शुभ शुरुआत

इस पावन समय में स्नान करना न केवल शारीरिक स्वच्छता का प्रतीक है, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धता का संकेत भी देता है। स्नान के बाद की गई प्रार्थना और संकल्प से पूरे दिन के लिए ऊर्जा, उत्साह और सकारात्मकता बनी रहती है।

रचनात्मकता को निखारने का स्वर्णिम काल

लेखक, कलाकार और रचनात्मक सोच रखने वाले लोग ब्रह्म मुहूर्त को अपनी प्रेरणा और सृजन का समय मानते हैं। यह समय मस्तिष्क की तरंगों को रचनात्मक विचारों से भर देता है, जिससे लेखन, चित्रकला, संगीत या अन्य कलाओं में मौलिकता और गहराई आती है।

Disclaimer : इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य तथ्यों पर आधारित है। swatantrasamay.com इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।