चार धामों से एक जगन्नाथ पुरी मंदिर के रहस्य जानकर हो जाएंगे हैरान

Mysteries of Jagannath Puri Temple : ओडिशा के पुरी शहर में स्थित जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ के साथ उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की प्रतिमा विराजमान है। आपको बता दें कि जगन्नाथ पुरी मंदिर को सनातन धर्म से जुड़े चार धामों में से एक माना जाता है।  इन चार के नाम है-

  1. बद्रीनाथ जो कि उत्तराखंड में है, ये मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। 2. द्वारका, जो कि गुजरात में भगवान कृष्ण को समर्पित है। 3. रामेश्वरम जो कि, तमिलनाडु में भगवान शिव को समर्पित है। 4. जगन्नाथ पुरी मंदिर, जो ओडिशा के पुरी शहर में है।

चलिए आपको बताते है जगन्नाथ पुरी मंदिर के ऐसे रहस्य जिसे जानकर सब हैरान हो जाते है। मंदिर की पौराणिक और धार्मिक मान्यताओ के अनुसार…………..

1. जगन्नाथ मंदिर में महाप्रसाद बनाने के लिए 7 मिट्टी के बर्तन एक के ऊपर एक क्रम में रखे जाते है। हैरान करने वाली बात ये है कि जिस बर्तन को सबसे ऊपर रखा जाता है, उसमें खाना सबसे पहले पकता है,जबकि नीचे रखे हुए बर्तन में खाना सबसे देरी में पकता है।

2. मंदिर में दिन के समय हवा समुद्र से जमीन की ओर चलती है, जबकि शाम के समय हवा जमीन से समुद्र की ओर चलती है। साथ ही जगन्नाथ मंदिर का ध्वज हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है।

3. मंदिर की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हर 12 साल के भीतर भगवान जगन्नाथ और उनकी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र की मूर्तियों को बदला जाता है। यानी नई मूर्तियों को स्थापित किया जाता है। इन मुर्तियों को बदलते वक्त पूरे शहर की बिजली को काट दिया जाता है। इस परंपरा को ‘नवकलेवर’ कहा जाता है।
मूर्ति बदलने की परंपरा को पूरी तरह गोपनीय रखा जाता है। इस दौरान मंदिर के बाहर भारी सुरक्षा बल तैनात किया जाता है। आपको बता दें कि भगवान की मूर्तियां बदलने के दौरान केवल एक प्रधान पुजारी  ही मंदिर में मौजूद रहता है और उस पुजारी की आंखो पर भी पट्टी बंधी होती है।

4. इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 214 फीट है। इस मंदिर की इमारत 45 मंजिला इमारत जितनी ऊंची है, लेकिन इस मंदिर के शिखर की छाया हमेशा गायब ही रहती है। यानी इसकी परछाई नहीं बनती है।

5. पुरी के जगन्नाथ मंदिर के ऊपर से ना ही कभी कोई हवाई जहाज उड़ता है और ना ही कोई पक्षी मंदिर के शिखर पर बैठता है। ऐसा भारत के किसी भी मंदिर में नहीं देखा गया है।