स्वतंत्र समय, मंदसौर
तीन माह बाद पापा कम्बल बेचकर घर लौटे थे बेटा और बेटी बहुत खुश थे। पापा उन्हें अपने साथ शॉपिंग करवाने भी ले गए खिलौने भी दिलवाए, लेकिन इन मासूमों को क्या पता था कि इस बार पापा उनके साथ खुद की व उन दोनों की मौत भी लाए हैं। जी हां यह दर्दनाक घटना शामगढ़ क्षेत्र के ग्राम रुंडी की है जहाँ सोमवार सुबह पिता सहित दो बच्चों की लाश फांसी पर लटकी मिली। बरामद सुसाइड नोट में लिखा था कि मृतक पिता गांव के ही किसी राजू बंजारा द्वारा अपनी पत्नी के साथ अभद्रता करने व इस मामले में तीन माह से पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने से आहत था। घटना के बाद आक्रोशित रिश्तेदारों व ग्रामीणों ने आरोपी के घर तोडफ़ोड़ की व पुलिस को भी खूब खरी-खोटी सुनाई।
Raju Banjara ने मृतक प्रकाश की पत्नी के साथ अभद्रता की थी
रुंडी निवासी राजू बंजारा ( Raju Banjara ) व उसके दो बच्चों सुमन (10), विशाल (12) का शव खेत पर फांसी पर झूलता मिला। घटना ने गांव भर में सनसनी फैला दी। सूचना के बाद चौकी चन्दवासा व शामगढ़ पुलिस मौके पर पहुँची। मौके से सुसाइड नोट भी बरामद किया। बताया जा रहा है कि इसमें लिखा था कि गांव के ही राजू बंजारा ने मृतक प्रकाश की पत्नी के साथ अभद्रता की थी। इस मामले में 3 माह पूर्व उसने एक आवदेन भी पुलिस को दिया बावजूद इसके पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और राजू का ज़ुल्म बढ़ता चला गया। प्रकाश कम्बल बेचने महीनों-महीनों तक घर से दूर रहता था और रविवार शाम को ही घर लौटा था। प्रकाश पर कोई कार्रवाई नहीं होने व उसकी ज्यादतियां बढऩे से बेहद दु:खी था कि सोमवार को सुबह एकाएक उसका व दोनों बच्चों का शव फांसी पर लटका मिला।
घर तोडफ़ोड़ व आगजनी की घटना को अंजाम दिया
मामले में परिजनों ने राजू बंजारा ( Raju Banjara ) का घर तोड़ने की मांग को लेकर शव को पीएम के लिए नहीं ले जाने दिया और अक्रोशवश ग्रामीणों ने राजू के घर तोडफ़ोड़ व आगजनी की घटना को भी अंजाम दिया। हालात अधिक बिगड़ते देख आसपास के थानों से भी बल मौके पर पहुँचा। ईधर, एसपी अनुराग सुजानिया भी आला अधिकारियों सहित मौके पर पहुँचे और परिजनों को समझा बुझाकर शव को पीएम के लिए रवाना किया। मामले में जब एसपी सुजानिया से उनके मोबाइल नंबर 9540099747 पर दोपहर 3.42 पर कॉल किया गया तो उनने कॉल काट दी। समाचार लिखे जाने तक पुलिस मामले में कार्रवाई की तैयारी कर
रही थी।
राजनीतिक रसूख की चर्चा
घटना में पुलिस पर लगे लापरवाही के आरोपों को लेकर राजनीतिक रसूखों की भी चर्चा है। बताया जा रहा है कि राजू बंजारा के कई सियासी रसूख हैं, जिनका लाभ उठाकर उसने पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का दबाव बनाया। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि जिलेभर में तकरीबन सभी थानों की स्थति यही हो चली है कि या तो सियासी दबाव में वाजिब फरियादियों के आवेदनों को फाइलों में दफन कर दिया जाता है या इसी तरह के दबाव में झूठे प्रकरण तक दर्ज कर दिए जाते हैं।
पत्नी ने भी लगाए आरोप
मामले में मृतक प्रकाश की पत्नी ने भी मीडिया के समक्ष फुट-फुटकर आरोपी राजू व उसके परिजनों पर कई गंभीर आरोप लगाए। उसने साफ कहा कि मेरा पति ऐसा नहीं था लेकिन आए दिन राजू व उसके परिजन हमारे साथ मारपीट करते और अभद्रता करते। इसकी शिकायत पुलिस को करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से मेरे पति को इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा और मेरे मासूम बच्चे भी में खो बैठी।