मध्य प्रदेश में भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री संजय पाठक के खिलाफ आदिवासी जमीन सौदे को लेकर विवाद गहरा गया है। सोमवार को कटनी में युवा कांग्रेस ने पाठक के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और उन पर धोखाधड़ी से जमीन खरीदने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपकर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता शहर के मिशन चौक पर इकट्ठा हुए और कलेक्ट्रेट की ओर एक रैली निकाली। पुलिस ने कलेक्ट्रेट के पास बैरिकेडिंग कर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया, जिसके बाद कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्की झूमाझटकी भी हुई। बाद में, कांग्रेस नेताओं ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद जबलपुर जिले की सिहोरा और मझौली तहसील में स्थित लगभग 34 एकड़ आदिवासी भूमि से जुड़ा है। कांग्रेस का आरोप है कि विधायक संजय पाठक से जुड़ी कंपनी ‘निर्मला मिनरल्स’ ने इस जमीन को अवैध तरीके से खरीदा है।
आरोपों के मुताबिक, यह जमीन पहले एक गैर-आदिवासी व्यक्ति के नाम पर धोखाधड़ी से दर्ज कराई गई। इसके बाद इस जमीन को विधायक संजय पाठक की मां निर्मला पाठक के नाम पर पंजीकृत कंपनी ने खरीद लिया। कांग्रेस का कहना है कि यह भूमि हस्तांतरण आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए बनाए गए कानूनों का सीधा उल्लंघन है।
कांग्रेस ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग
युवा कांग्रेस ने राज्यपाल को संबोधित अपने ज्ञापन में कई प्रमुख मांगें रखी हैं। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा ‘अंशु’ और पूर्व जिलाध्यक्ष मनु दीक्षित ने कहा कि सरकार को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
1. उच्च स्तरीय जांच: पूरे जमीन सौदे की निष्पक्ष जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाए।
2. विधायक पर कार्रवाई: आरोपों की पुष्टि होने पर विधायक संजय पाठक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
3. रजिस्ट्री निरस्त करना: विवादित भूमि की रजिस्ट्री को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।
4. जमीन की वापसी: जमीन को उसके मूल आदिवासी मालिकों को वापस सौंपा जाए।
इस प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे, जिन्होंने विधायक और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। यह मामला अब राज्य में कांग्रेस और भाजपा के बीच एक बड़े राजनीतिक टकराव का कारण बनता जा रहा है।