भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करना चाहते है तो ,इस तरीके से करे उनकी पूजा
सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. भगवान भोलेनाथ है इनकी पूजा से सभी कष्ट दूर होते है, मन को शांति प्रदान होती है.इंसान, पशु-पक्षी, जलचर, नभचर, पाताललोक वासी अथवा बैकुण्ठवासी, राक्षस, भूत-प्रेत और देवता सभी देवो के देवाधिदेव महादेव की पूजा करते हैं. क्योंकि सभी देवो में से एक हमारे महादेव ही है जो भक्तो से जल्दी प्रसन्न होकर उनकी हर मनोकामना पूरी करते है.
भगवान भोलेनाथ अपने भक्तो के कल्याण के लिए हमेशा तत्पर रहते है. भगवान भोलेनाथ यह भी नही देखते है की उनकी पूजा करने वाला व्यक्ति कौन है.भगवान भोलेनाथकी पूजा का विशेष महत्व है अगर आप भी भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करना चाहते है तो ऐसे करे उनकी पूजा और रखे इन बातो का विशेष ध्यान.
भगवान शिव को करे यह चीजे अरपित
* सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर स्वच्छ कपडे पहने, फिर दीप प्रज्वलित कर भगवान शिव का गंगा जल और दूध से अभिषेक करे.
*पौराणिक मान्यताओ के अनुसार जब अम्रत मंथन हो रहा था तो भगवान शिव ने उस मंथन से निकला हलाहल विष पी लिया था. जिसकी वजह से भगवान शिव के शरीर में जलन होने लगी थी. देवताओ ने जलन को शांत करने के लिए भगवन शिव के ऊपर दूध से वर्षा की गयी थी. जिससे उनकी जलन शांत हुई थी और यही वजह है की भगवान शिव का दूध से अभिषेक किया जाता है,और इससे भगवान भोलेनाथ को उस जलन से ठंडक मिलती है जिससे वे अपने भक्तो पर प्रसन्न होते है
*भगवान् भोलेनाथ को आक और कनेर के फूल भी बहुत पसंद है. आक के फुल चडाने से वह जल्दी प्रसन्न होते है. और कनेर के फूल चडाने से शिव जी प्रसन्न होकर भक्तो की हर मनोकामना को पूर्ण करते है.
*भगवान् शिव को धतुरा, बेलपत्र,चन्दन केसर,भांग,इत्र,अक्षत, शक्कर, दही, घी, शहद, गंगाजल, काफी पसंद है.भगवान की पूजा सामग्री में यह चीजे जरुर शामिल करे.
सभी को तिलक लगाएं और फिर धूप, दीप जलाएं.
भगवान शिव शंकर को घी, शक्कर या प्रसाद का भोग लगाएं.
महामृत्युंजय मंत्र और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.
संभव हो तो इस दिन व्रत जरूर रखें.
शाम को पूजा करने के बाद कर व्रत खोलें. आप चाहें तो यह पूरा व्रत फलाहार ही कर सकते हैं.
सबसे पहले गणेश जी की आरती करें और फिर शिवजी की आरती करें
इस दिन दान करने से भी शिव जी प्रसन्न होते हैं.
भूलकर भी ना करे यह चीजे अर्पित
*मान्यताओ के अनुसार भगवन शिव को नारियल नही चढ़ाना चाहिए.
*भगवान् शिव की पूजा सामग्री में तुलसी के पत्ते ना शामिल करे, ना ही उन्हे चड़ाए.
* केतकी और केवड़े का फूल महादेव की पूजा में वर्जित है, इसे कभी भी न चढ़ाएं
*महादेव की पूजा में शंख वर्जित माना गया है.
*शिव जी को हमेशा चंदन लगाये रोली या कुमकुम का प्रयोग उनकी पूजा में ना करें.
पूजा करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान
सोमवार के दिन भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती और नंदी को भी गंगाजल चढ़ाना चाहिए. संभव हो तो गाय के कच्चे दूध से अभिषेक करें. इस दौरान ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें.