Uma Maheshwari: किसी ने दिखाई पेंटिंग तो किसी ने सुनाया गाना,कलेक्टर को अपने बीच पाकर अभिभूत हुए बच्चे, छोटी-छोटी समस्याओं का तत्काल निराकरण कराने के कलेक्टर ने दिए निर्देश, बच्चों ने की वार्डन की तारीफ
शिवनारायण कुरोलिया/अशोकनगर। किसी ने दिखाई पेंटिंग तो किसी ने सुनाया गाना कलेक्टर श्रीमती आर उमा महेश्वरी को अपने बीच पाकर बच्चे अभिभूत हुए, कलेक्टर ने बुधवार को स्वतंत्र समय से अपने अनुभवों को साझा किया, बच्चों ने की वार्डन की तारीफ,तो बताई छोटी-छोटी समस्याएं, कलेक्टर ने तत्काल निराकरण के निर्देश दिए।13 फरवरी सोमवार रात जिले में पहली बार किसी कलेक्टर ने अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास में अपनी रात गुजारी, उन्होंने बच्चों के बीच मनोरंजक खेल खेले अंताक्षरी खेली और अपने बचपन के दिनों को याद किया।
Uma Maheshwari:बच्चों ने उनसे बहुत सारी बातें की तथा उनके इस पद पर पहुंचने के बारे में, पढ़ाई के शेड्यूल के बारे में और अन्य अनुभवों के बारे में जानकारी हासिल की। कलेक्टर ने भी खुले मन से बच्चों के बीच घुल मिलकर वह सारे अनुभव बताएं जिनकी उनके आने वाले जीवन में बहुत जरूरत होगी। कलेक्टर ने अपनी पढ़ाई के बारे में निर्धारित समय सारणी से बच्चों को अवगत कराया और कहा आपके मन में जो भी इच्छा हो वह जरूर पूरी हो सकती है अगर आप लोग अनुशासन में रहकर उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बगैर किसी तनाव के आगे बढ़ते रहें।
Uma Maheshwari: कलेक्टर ने बताया, छात्रावास के बच्चे होनहार हैं, कुछ बच्चियों ने उन्हें अच्छी अच्छी पेंटिंग दिखाईं, कुछ लड़कियों ने बढ़िया गाना सुनाया, कलेक्टर ने उनके साथ पलंग पर बैठ कर खूब अंताक्षरी खेली इस दौरान बच्चे काफी खुश नजर आए। उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए कुछ टिप्स भी दिए गए। उनसे खाने पीने रहने के विषय में जानकारी हासिल की तो सभी संतुष्ट नजर आए, उन्होंने बताया कि बच्चों ने छात्रावास में अपने सामान को सुरक्षित रखने अलमारियों में लोक व्यवस्था की समस्या बताई, जिसे तत्काल वार्डन से कहकर दुरस्त कराने के निर्देश दिए।
छात्रावास में खाने की गुणवत्ता और बच्चों के बिस्तर बगैरा तथा स्वच्छता बेहतर थी, छात्रावास में इससे पूर्व की वार्डन की काफी शिकायतें बच्चों द्वारा आती रही। लेकिन अब वार्डन की कोई शिकायत नहीं आई। वार्डन का व्यवहार भी बच्चों के प्रति घर जैसा है। उल्लेखनीय है कि बगैर किसी पूर्व सूचना के कलेक्टर आर उमामहेश्वरी ने 13 फरवरी सोमवार रात स्थानीय अनुसूचित जाति कन्या सीनियर छात्रावास का औचक निरीक्षण किया साथ ही छात्रावास में बच्चों के बीच अपनी रात गुजारी, सबसे बड़ी बात यह है कि आज के दौर में सरकारी व्यवस्थाओं को लेकर लोगों को शिकायत रहती है
लेकिन यह भी अजब संयोग की बात है कि छात्रावास की अधीक्षक श्रीमती सिप्पी कलावत को कलेक्टर के यहां आने की कोई जानकारी ना होने के बावजूद वहां की व्यवस्थाएं बेहतर और अपडेट टू डेट नजर आईं, इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले की मुखिया, एक आईएएस अधिकारी जमीनी हकीकत जानने
औचक निरीक्षण करने पहुंची, बावजूद इसके उन्हें कोई अलग से व्यवस्था नहीं की गई बच्चों के साथ खाना खाया उनके बिस्तर में ही उन्होंने बैठकर बच्चों से ज्ञानवर्धक और मनोरंजक चर्चा की, उन्हें भी अपना बचपन याद आ गया। और छात्रावास की व्यवस्थाओं को सराहा। यह अन्य लोगों के लिए प्रेरणादाई है।
Uma Maheshwari: शासन के निर्देशानुसार विकास यात्रा के उपलक्ष में छात्र अधिकारी आश्रय कार्यक्रम के अंतर्गत जिला अधिकारियों को साथ लेकर कलेक्टर छात्रावास में पहुंची थी। जहां उन्होंने रात गुजारी और अपने अनुभव स्वतंत्र समय से साझा किए।
Uma Maheshwari: Remembered childhood by being among children