खांसी चलने से फूल रही हैं सांसें, दवाएं भी नहीं कर रहीं असर,स्वास्थ्य विभाग अनजान, नहीं दे रहा ध्यान न कराई सेंपलिंग
शिवनारायण कुरोलिया/अशोकनगर- जिले के पिपरई नगर में इन दिनों एक ऐसी अनजान बीमारी या वायरस फैल रहा है जिससे क्षेत्र के लोगों में दहशत है। कोरोना काल से बीमारियों का नाम सुनकर लोग डर जाते हैं, उस जानलेवा बीमारी से लोग अब तक उभर भी नहीं पाए हैं, कि अब एक नए तरीके की बीमारी ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है, कहने को तो यह मौसमी बीमारी है। लेकिन इसके उपचार में महीना भर लग रहा है,लक्षणों के आधार पर भी इसकी पकड़ नहीं हो पा रही है। और डॉक्टर रूटीन की दवाओं से ही मरीज का उपचार कर रहे हैं।पिछले करीब एक माह से पिपरई नगर में मौसमी बीमारी या वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ रहा है। यह कौन सी बीमारी या वायरस है, डॉक्टर भी अभी तक इसकी पकड़ नहीं कर पाए हैं।हालांकि वह अपने अनुमान और अनुभव से लोगों का इलाज तो कर रहे हैं, मगर जिस किसी को भी यह रोग है और वायरस लग रहा है,वह बहुत अधिक परेशान और डरे हुए हैं।
यह हैं इस वायरस या बीमार के लक्षण
हल्का बुखार आना, थकान महसूस होना, चक्कर आना,जी मिचलाना उल्टी जैसा जी करना, गले में चुभन, सर्दी खांसी, और ऐसी खांसी जिसके आने से सांस फूलने या रूकने लगती है,जिससे मरीज बुरी तरह घबरा जाता है। यह रोग नौजवानों, बड़े बुजुर्गों, महिलाओं के साथ-साथ छोटे बच्चों में भी देखा जा रहा है।बीमारी होने के बाद 15 से 20 दिन तक दवाई खाने के बाद भी कोई सुधार मरीजों में नहीं हो रहा है। खासकर अंग्रेजी दवाएं तो बिल्कुल भी असर नहीं कर रहीं हैं, यह बड़ा ही गंभीर और चिंता का विषय है, लेकिन इसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग अनजान बना हुआ है, और इसे नजर अंदाज कर रहा है। अभी तक इस तरह की बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा नगर में कोई सैंपलिंग या पहल नहीं की गई है। लोगों की मांग है कि विभाग के आला अधिकारीयों को इस पर ध्यान देना चाहिए,और सभी आवश्यक उपाय शीघ्र शुरू करना चाहिए। जिससे समय रहते बीमारी या वायरस पर नियंत्रण पाया जा सके।इस मौसमी बीमारी से पीड़ित लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए बाहर लैवों में भेजे जाना चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि कहीं कोरोना वायरस की तरह कोई अन्य वायरस, या कोरोना का कोई नया वर्जन तो नहीं फैल रहा, या फिर यह कौनसा नया वायरस है, जिस पर कोई भी दवा असर नहीं कर रही है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं है पर्याप्त स्टॉफ
एक तरफ बीमारियों के बढ़ते प्रकोप और दूसरी तरफ स्टाफ की कमी क्षेत्र के लोगों को नागवार गुजर रही है,
पिपरई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर पदस्थ ही नहीं है, एक डॉक्टर है वो भी अटैचमेंट पर हैं, ऐसे में जब वह डॉक्टर कहीं छुट्टी पर या फिर कोर्ट पेशी पर चले जाते हैं तो मरीजों को इलाज के लिए परेशान होना पड़ता है। स्टॉफ की बहुत कमी है, स्वास्थ्य केंद्र में एक डॉक्टर, दो नर्स हैं जिनके भरोसे करीब 100 से अधिक गांवों के लोगों के स्वास्थ्य सुविधा की जिम्मेदारी है।
मंत्री,सांसद,कलेक्टर, विभागीय अधिकारियों से लोग कर चुके मांग
नगर के लोगों द्वारा सांसद से लेकर मंत्री और कलेक्टर से लेकर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारीयों से कई बार मांग की है कि स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ बढ़ाया जाए ताकि लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके, लेकिन सभी ने लोगों की मांग को नजर अंदाज कर दिया।
बीमारी के बारे में डॉक्टरों का कहना
हां यह सच है कि इस बार का जो मौसमी वायरल फीवर चल रहा है, वह समझ से परे है, क्योंकि जब से कोरोना वायरस आया था तब से अलग-अलग तरीके का वायरल फीवर आ रहा है, वायरल फीवर में जो दवाएं असर करती थी, तो वायरल फीवर एक हफ्ते में ही ठीक हो जाता था। लेकिन अब वही वायरल फीवर एक महीने तक दवा लेने के बाद भी ठीक नहीं हो रहा है,यह चिंता का विषय है, हालांकि अब तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से और ना ही सरकार की ओर से कोई गाइड लाइन या फिर ऐसे पीड़ित लोगों की जांचें करने का कोई आदेश आया। जो दवाएं इस मौसमी वायरल फीवर में चलती थीं,वही दवाएं मरीजों को दी जा रही है।
डॉक्टर बाय एस तोमर,
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, मुंगावली।
इस बार बदलते मौसम में ऐसा मौसम फीवर वायरस चल रहा है, ना तो सर्दी खासी सही हो रही है, और ना ही बुखार सही हो रहा है, महीने तक लोग इलाज करा रहे हैं लेकिन उन्हें कोई भी दवाओं का असर नहीं हो रहा है यह बढ़ा ही गंभीर चिंता का विषय है।
डॉ राम मनोहर राजपूत, मेडिकल ऑफिसर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिपरई।
मैंने अब तक के अपने मेडिकल जीवन काल में कभी भी ऐसा इस बदलते मौसम में ऐसा मौसमी फीवर वायरस नहीं देखा, ना तो सर्दी खासी सही हो रही है और ना ही बुखार के मरीज सही हो रहे, महीने भर तक लोग इलाज करा रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई भी दवाओं का असर नहीं हो रहा है, बड़ों में नौजवानों में बुजुर्गों के साथ साथ बच्चों में भी ये शिकायत आ रही है, यह बड़ा ही गंभीर चिंता का विषय है, इस पर प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग ध्यान दें, और पीड़ित लोगों के जांच के सैंपल जांच कराने के लिए भेजे, जिससे यह पता चल सके कि कहीं ये कोरोना वायरस की तरह कोई दूसरा वायरस तो नहीं है।
डॉक्टर विनोद जैन एमबीबीएस निजी चिकित्सक पिपरई।
प्रभावित मरीजों का कहना-
सर्दी खांसी और बुखार आ रहा है 15 दिन हो गए इलाज कराने के बाद भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा है बल्कि कमजोरी और बढ़ रही है थकान महसूस हो रही है और हाथ पैरों में दर्द बढ़ रहा है कई डाक्टरों से इलाज करा लिया लेकिन कोई भी सुधार नहीं हो रहा है दवा लेने के बाद भी दवाओं का कोई असर नहीं हो रहा है।
कृष्णा धाकड़ मरीज, पिपरई।
पिछले 1 महीने से सर्दी खांसी और बुखार आ रहा है कई डाक्टरों से इलाज करा लिया लेकिन कोई भी सुधार नहीं हो रहा है दवा लेने के बाद भी दवाओं का कोई भी असर नहीं हो रहा है पेपर में डाक्टरों को दिखाने के बाद अशोकनगर में भी डॉक्टर को दिखाया है अभी भी इलाज चल रहा है।
बिपाशा तिवारी, मरीज पिपरई।