MP News: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव काफी नजदीक है। ऐसे में सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी ताकत लगानी शुरू कर दी है। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) आधी से अधिक आबादी को साधने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वे तरह-तरह की योजनाएं लांच कर रहे हैं। वहीं हाल ही में शिवराज सरकार ने लाड़ली बहना योजना (Ladli Bahna Yojana) को मंजूरी दी है। इसके अलावा अब विद्यार्थियों को बड़ी सौगात दी है।
दरअसल, एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में शुरू करने के बाद अब राज्य सरकार ने शासकीय विद्यालयों में पढ़े बच्चों के हित में बड़ा निर्णय लिया है। इन स्कूलों से पढ़े विद्यार्थियों के लिए एमबीबीएस और बीडीएस में पांच प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी। इसी सत्र से यह व्यवस्था लागू होगी। निजी और सरकारी दोनों तरह के कालेजों में उन्हें आरक्षण मिलेगा।
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दरअसल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 मार्च एमबीबीएस और बीडीएस में 5% आरक्षण देने की घोषणा की थी। बुधवार को इस संबंध में नोटिस भी जारी कर दिया गया है। मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए रियायत देने का मकसद हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने वाले छात्रों को आगे लाना है। मध्य प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में कराने के आदेश के बाद यह दूसरा बड़ा फैसला है। इससे शासकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को एमबीबीएस में एडमिशन पाने में मदद मिलेगी। यह व्यवस्था इसी सत्र से लागू होगी। छात्रों को प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह के कॉलेजों में पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा।
यह विद्यार्थी होंगे पात्र
जिन्होंने 6वीं से 12वीं कक्षा तक शासकीय विद्यालयों में नियमित अध्ययन कर परीक्षा उत्तीर्ण की हो। वह भी पात्र होंगे जिन्होंने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के अंतर्गत कक्षा एक से आठ तक निजी विद्यालय में पढ़ने के बाद कक्षा नौ से 12 तक शासकीय स्कूल में अध्ययन किया हो।
खास बात यह है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा फर्स्ट से 8वीं तक निजी स्कूल में पढ़ने के बाद शासकीय स्कूल में कक्षा 9वीं से 12वीं तक नियमित अध्ययन कर परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र भी आरक्षण कोटा में शामिल होंगे। यह नया प्रावधान तकनीकी शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया है, जिसके लिए उसने मध्य प्रदेश चिकित्सा शिक्षा प्रवेश नियम 2018 में बदलाव किया है। नए बदलावों के अनुसार, अब प्रदेश के मेडिकल कालेजों में महिला अभ्यर्थी को 30 और दिव्यांग अभ्यर्थियों को 5 फीसदी आरक्षण सभी पाठ्यक्रामों में मिलेगा। वहीं स्वतंत्रता सेनानी और सैनिक केटेगरी के अभ्यर्थियों को केवल शासकीय मेडिकल कालेज में तीन-तीन फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। सरकारी स्कूल के छात्रों को समस्त शासकीय और निजी मेडिकल कालेज में 5 फीसदी आरक्षण एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में मिलेगा।