आदि महोत्सव : PM मोदी आज करेंगे शुभारंभ

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आदि महोत्सव : PM मोदी आज करेंगे शुभारंभ
आदि महोत्सव : PM मोदी आज करेंगे शुभारंभ

प्रधानमंत्री देश की जनजातीय आबादी के कल्याण के लिये सदैव आगे बढ़कर कदम उठाते रहे हैं।

इसके साथ ही वे देश की उन्नति और विकास में जनजातीय समुदाय के योगदान को उचित सम्मान भी देते रहे हैं।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी। पीएमओ ने कहा, ‘राष्ट्रीय मंच पर जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित करने के प्रयास के तहत प्रधानमंत्री मोदी आज सुबह 10:30 बजे दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में मेगा राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव ‘आदि महोत्सव’ का उद्घाटन करेंगे।’ यह मेला अपने आप में बेहद खास रहने वाला है। दरअसल इस मेले के माध्यम से देश के आदिवासी समुदायों की कला, शिल्प, संस्कृति, व्यापार और परंपराओं का संगम देखने को मिलेगा ।

बता दें, यह जानकारी केंद्रीय जनजातीय कार्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने दी है। उन्होंने आगे कहा कि इसका आयोजन राष्ट्रीय राजधानी के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में होगा। ‘आदि महोत्सव’ का समापन 27 फरवरी को होगा। आदि महोत्सव जनजातीय संस्कृति, शिल्प, खान-पान, वाणिज्य और पारंपरिक कला का उत्सव मनाने वाला कार्यक्रम है। यह जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड (ट्राइफेड) की वार्षिक पहल है। आदिवासी शिल्पकारों और महिलाओं को सीधे बाजार तक पहुंचाने की पहल, गौरतलब यह भी है की, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत ‘ट्राइफेड’ संगठन आदिवासी शिल्पकारों और महिलाओं को सीधे बाजार पहुंच प्रदान करने के लिए ‘आदि महोत्सव’ आयोजित करता है।

कहां होगा आदि महोत्सव ?                                  

बता दें, यह जानकारी केंद्रीय जनजातीय कार्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने दी है। उन्होंने आगे कहा कि इसका आयोजन राष्ट्रीय राजधानी के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में होगा। ‘आदि महोत्सव’ का समापन 27 फरवरी को होगा।

क्या है आदि महोत्सव :-

आदि महोत्सव आदिवासी संस्कृति शिल्प व्यंजन वाणिज्य और पारंपरिक कला की भावना का जश्न मनाने वाला आदि महोत्सव जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राइफेड) की एक वार्षिक पहल है। आज प्रधानमंत्री मोदी कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। आदी महोत्सव लोगों को परिचित करता है और समृद्ध आदिवासी विरासत और संस्कृति में एक झलक देता है। इससे वंचित जनजातियों को अपनी कला और शिल्प को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए एक बड़ा बाजार प्राप्त करने में मदद मिलती है। आरडी महोत्सव कारीगरों के लिए कला प्रेमियों के साथ सीधे बातचीत करने और पहले हाथ की प्रतिक्रिया प्राप्त करने का एक अवसर है जो तब उनकी रचनाओं और डिजाइनों को बेहतर बना सकता है।