शिक्षकों मे मचा हड़कंप ब्लॉक के 70 शिक्षक आये अतिशेष में
राजेश बंसल/सारंगपुर – इस समय शिक्षकों को दिमाग से बच्चों को पढ़ाने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन अब शिक्षक अपने स्थानांतरण को लेकर परेशान हो रहे हैं। लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त की ओर से अचानक अतिशेष की कार्रवाई शुरू किए जाने से शिक्षकों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय(डीपीआइ) ने आदेश जारी किया है। साथ ही पांच फरवरी तक शिक्षकों से दावा-आपत्ति मांगी गई है, ताकि कोई गड़बड़ी हो तो सुधार हो सके। विभाग ने शिक्षा पोर्टल पर प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में शिक्षकों की सूची को अपडेट कर दी है। सूची में विकास खंड वार अतिशेष शिक्षकों की संख्या भी अपडेट की गई है।
जिसमे सारंगपुर विकास खंड मैं 70 अतिशेष शिक्षक है। जिनमे जीएचएसएस टीकोद मे 2,भ्याना मे 3,धामांदा मे 3,पटाडिया धाकड मैं 1 कड़लवाद मे 1,अमलारोड मैं 5,लीमाचोहन मै 1,भैंसवा माता मैं 2,उत्कृष्ट सारंगपुर मै 11,कन्या सारंगपुर मैं 7,गाँधी पचोर मैं 8,कन्या पचोर मे 9,उदनखेड़ी मैं 5,पाडल्या माता 1,ग़ुलावता मैं 4,साण्डवता मैं 5 तथा मॉडल सारंगपुर के 2 शिक्षक शामिल है। इस विषय पर मध्यप्रदेश शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष नरसिंह लाल शर्मा ने बताया कि अतिशेष शिक्षकों की गणना करते समय संस्था में वरिष्ठ के स्थान पर कनिष्ठ को अतिशेष माना जाए, क्योंकि किसी विद्यालय में यदि छात्र संख्या के मान से पूर्व से शिक्षक पदस्थ है, तो पोर्टल अपडेट नहीं होने के कारण या किसी राजनीतिक या अन्य दबाव वश किसी शिक्षक को संस्था में कार्यभार ग्रहण कराया जाता है।
तो अतिशेष बाद में आने वाले शिक्षक को होना चाहिए न कि पूर्व से नियमानुसार पदस्थ शिक्षक को। लेकिन विभाग की ओर से इस पर संज्ञान नहीं लिया गया। अभी परीक्षाओं के समय और पोर्टल अपडेट नहीं होने के मद्देनजर अतिशेष की कार्रवाई को परीक्षाओं के बाद तक के लिए तत्काल स्थगित किया जाए । कार्रवाई तब ही की जाए जब स्कूल शिक्षा विभाग यह तय कर ले कि स्थापना के मामले में पोर्टल अपडेट हो चुका है। अतिशेष की गणना करते समय पूर्व से संस्था में पदस्थ शिक्षक को अतिशेष नहीं मानते हुए स्कूल में बाद में आए शिक्षक की गणना अतिशेष के रूप में की जाए।