Enforcement Directorate (ED) ने मौजूदा मामले में उनकी जमानत याचिका का इस आधार पर विरोध किया था कि वह साजिश के पीछे मुख्या ‘मास्टरमाइंड’ थीं।
सीबीआई ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को-लोकेशन घोटाला मामले में 2018 की प्राथमिकी के संबंध में 6 मार्च, 2022 को रामकृष्ण को गिरफ्तार किया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 9 फरवरी को चित्रा रामकृष्ण को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के कर्मचारियों के कथित अवैध फोन टैपिंग और स्नूपिंग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी है ।
क्या है पूरा मामला?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मौजूदा मामले में उनकी जमानत याचिका का इस आधार पर विरोध किया था कि वह साजिश के पीछे मुख्या ‘मास्टरमाइंड’ थीं।
ईडी (ED) के अनुसार, फोन टैपिंग का मामला 2009 से 2017 की अवधि से संबंधित है जब एनएसई के पूर्व सीईओ रवि नारायण, रामकृष्ण, कार्यकारी उपाध्यक्ष रवि वाराणसी और क्षेत्र प्रमुख महेश हल्दीपुर और अन्य ने एनएसई (NSE) और उसके कर्मचारियों को धोखा देने की साजिश रची थी। और इस उद्देश्य के लिए, NSE की साइबर कमजोरियों का आवधिक अध्ययन करने की आड़ में NSE के कर्मचारियों के फोन कॉल्स को अवैध रूप से इंटरसेप्ट करने के लिए आईएसईसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को लगाया था ।
रामकृष्ण को 2009 में संयुक्त एमडी एनएसई के रूप में नियुक्त किया गया था और 31 मार्च, 2013 तक पद पर बनी रही। उन्हें 1 अप्रैल, 2013 को एमडी और सीईओ के रूप में पदोन्नत किया गया था । एनएसई में उनका कार्यकाल दिसंबर 2016 में समाप्त हुआ था।