मेरा भाग्य अच्छा हो ऐसा भाव भी नही करे मेरा पुरुषार्थ अच्छा हो ये भाव करो
अशोकनगर -कोई महान आत्मा ऊंचाई से नीचे आये तो समझ लेना किसी ना किसी का भला होने वाला है महान आत्माऐ जव कभी जगत में आये तो समझ लेना कि किसी का कल्याण होगा किसी की भक्ति की किस्मत खुलने वाला है कभी कभी किसी का पुण्य महान आत्माओं को भी नीचे झुका देता है कोई भी महापुरुष के संबध मे विचार किया जाता है उनके कोई भी क्रिया व बातों में संदेश छिपा रहता है जगत को जीना का संदेश देती है परमार्थ का ही उपदेश नही देता बल्कि संसार का भी उपदेश देती है संसार में नैमित्त के सहारे ही चलते हैं। उनका सब पुरुषार्थ निमित्त को देखकर होती हैं।कर्मों में मर्यादित कर्म अमर्यादित कर्म होते हैं,भोजन मर्यादित था लेकिन समय निकल जाने पर अमर्यादित हो जाता है अतीत का पुण्य हमारे लिए अभक्ष हैं इसलिए त्यागने योग्य है।दीक्षा पुण्य कर्म के पुण्य उदय से ऊब जायें पुण्य कर्म के उदय से उबकर जो दीक्षा लेते हैं उक्त आश्य केउद्गार शाही पंचकल्याणक महोत्सव ललितपुर में धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए मुनि पुगंव श्री सुधासागरजी महाराज ने व्यक्त किए।
पंचकल्याणक महोत्सव मे जैन युवा वर्ग देगा प्रस्तुति
जिले की सीमा पर स्थित ललितपुर में चल रहे शाही पंचकल्याणक महोत्सव के समापन पर होने वाले गजरथ महोत्सव में नगर की युवा समाजसेवी संस्था श्री दिगम्बर जैन युवा वर्ग अपने सदस्यों के साथ पहुंचकर दिव्य घोष का विशेष प्रदर्शन करेगा इस हेतु युवा वर्ग के अध्यक्ष सुलभ अखाई अंकित छाया सुभव कासल अंकित सन्तूरा सचिन एन एस मोहित मोहरी टिकंल जैन विट्टू खजूरिया को लेकर एक टीम सभी कार्य को सम्पन्न करेगी।
सुधा सागर महिला मंडल ने लेजम का किया प्रदर्शन
अशोकनगर की सुधासागर महिला समिति ललितपुर जाकर भगवान के जन्म कल्याणक में भव्य प्रस्तुति दी समिति के 52 सदस्यों ने लेझिम और डांडिया खेल कर भगवान का जन्म कल्याणक बड़े उत्साह एवं धूमधाम से मनाया समिति के अध्यक्ष श्रीमती निर्मला जैन के नेतृत्व में यह कार्य संपन्न हुआ साथ में समिति की मंत्री संगीता जैन पारस कोषाध्यक्ष श्रीमती सरिता जैन राजपुर उपाध्यक्ष रानी जैन पीरोठ एवं उपमंत्री अर्चना जैन पांड्या संयोजक डिंपल जैन ईशागढ़ का विशेष सहयोग रहा समिति की सभी सदस्यों ने भगवान के जन्म अभिषेक में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया समिति के करीब 52 सदस्यों ने सुधा सागर जी एवं सभी महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त किया
बड़ों को सम्मानित करना चाहिए
उन्होंने कहा कि बड़े लोंग खडे है हम बैठे है, हमारा पुरुषार्थ समाप्त हो जाता है बडें तुम्हारे आस आये और तुम आगे खडे नही हो पाये तो तुम्हारे पुण्य समाप्त हो जायेगा, किस्मत के भरोसे नही,भाग्य का सहारा नही पूर्व का पुण्य कुछ भी लाकर नहीं देगा अभी पुरुषार्थ करोगे तो वह पुण्य आपके काम आ जायेगा कर्म भूमि में वर्तमान की कमाई की मुख्यता दी जाती है इसलिए मोक्ष के रास्ते खुल जाते हैं हम अतीत के कर्म की अपेक्षा नहीं करेगें, पुण्य पाप के फल की अपेक्षा झोंड दो शुभ कर्म का उदय बासा है अशुभ हैं बासा खाने वालों को मोक्ष मार्ग वर्जित हैं।बासा अभक्ष है।सुख दुख को हमारे दिमाग से निकाल दो।
महापुरुषो की बातों में सन्देश छिपा रहता है
उन्होंने कहा कि कोई भी महापुरुष के संबध मे विचार किया जाता है उनके कोई भी क्रिया व बातों में संदेश छिपा रहता है जगत को जीना का संदेश देती है परमार्थ का ही उपदेश नही देता बल्कि संसार का भी उपदेश देती है संसार में नैमित्त के सहारे ही चलते हैं। उनका सब पुरुषार्थ निमित्त को देखकर होती हैं।कर्मों में मर्यादित कर्म अमर्यादित कर्म होते हैं,भोजन मर्यादित था लेकिन समय निकल जाने पर अमर्यादित हो जाता है अतीत का पुण्य हमारे लिए अभक्ष हैं इसलिए त्यागने योग्य है।दीक्षा पुण्य कर्म के पुण्य उदय से ऊब जायें पुण्य कर्म के उदय से उबकर जो दीक्षा लेते हैं