मध्यप्रदेश सरकार ने पेंशन योजनाओं के अंतर्गत आने वाले सभी लाभार्थियों के लिए ईकेवाईसी (Electronic Know Your Customer) को अनिवार्य कर दिया है। राज्य सरकार ने यह निर्णय सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के माध्यम से लागू किया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पेंशन का लाभ सिर्फ उन्हीं लोगों को मिले जो वास्तव में इसके पात्र हैं और जीवित हैं। यदि कोई पेंशनधारी 31 अगस्त 2025 तक eKYC प्रक्रिया पूरी नहीं करता है, तो उसकी पेंशन को रोक दिया जाएगा।
सरकारी स्तर पर दिशा-निर्देश जारी
ईकेवाईसी के इस अभियान को गंभीरता से लागू करने के लिए राज्य सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टरों, जनपद पंचायतों के सीईओ, नगर निगम आयुक्तों और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। यह आदेश इस बात को सुनिश्चित करता है कि कोई भी पात्र लाभार्थी इस प्रक्रिया से वंचित न रह जाए और अपात्र लोग पेंशन की सूची से स्वतः हट जाएं। सरकार का मकसद स्पष्ट है – सरकारी धन का दुरुपयोग रोकना और योजनाओं की पारदर्शिता बढ़ाना।
3.5 लाख पेंशनधारियों ने अब तक नहीं कराया सत्यापन
हालांकि कई बार अभियान चलाए जाने के बावजूद, लगभग 3.5 लाख पेंशनधारियों ने अब तक ईकेवाईसी नहीं कराया है। यह आंकड़ा सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है। यदि ये लाभार्थी तय समयसीमा तक अपना सत्यापन नहीं कराते हैं, तो उनकी पेंशन को स्थायी रूप से रोका जा सकता है। यह अभियान इसलिए भी जरूरी हो गया है क्योंकि बिना ईकेवाईसी के यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकता कि लाभार्थी जीवित हैं या नहीं।
क्या होता है eKYC और क्यों जरूरी है?
eKYC एक डिजिटल पहचान सत्यापन प्रक्रिया है जो किसी भी व्यक्ति की पहचान को आधार कार्ड से लिंक कर बायोमेट्रिक माध्यमों से प्रमाणित करती है। इसमें तीन तरह की तकनीकें इस्तेमाल होती हैं –
▪ चेहरे की पहचान (Face Authentication)
▪ अंगुलियों के निशान (Fingerprint Scan)
▪ आंख की पुतली का स्कैन (Iris Scan)
इस तकनीक से यह पक्का किया जाता है कि पेंशन का लाभ सिर्फ सजीव और वास्तविक व्यक्ति को ही मिल रहा है, जिससे मृतक या अपात्र लोगों को पेंशन मिलने की संभावना समाप्त हो जाती है।
किस-किस योजना पर पड़ेगा असर?
यह नया नियम राज्य की कई पेंशन योजनाओं को प्रभावित करेगा। जिन योजनाओं में eKYC अनिवार्य कर दिया गया है, उनमें शामिल हैं:
▪ समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना
▪ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना
▪ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना
▪ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना
▪ मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना
इन योजनाओं के अंतर्गत लाभार्थियों को प्रति माह ₹600 की राशि दी जाती है। यदि निर्धारित तिथि तक eKYC प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती, तो पेंशन राशि का भुगतान रोका जा सकता है।
कैसे कराएं eKYC – आसान प्रक्रिया
अगर आप पेंशनधारी हैं, तो नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो कर आसानी से eKYC करा सकते हैं:
1. अपने नजदीकी पंचायत भवन, नगर परिषद या नगर निगम कार्यालय जाएं।
2. अपने साथ आधार कार्ड और समग्र ID अवश्य लेकर जाएं।
3. बायोमेट्रिक सत्यापन के तहत फेस ऑथेंटिकेशन, फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन कराएं।
4. प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिस्टम में डाटा वेरीफाई करवा कर रसीद लें।
यह पूरी प्रक्रिया 31 अगस्त 2025 से पहले जरूर पूरी कर लें, अन्यथा आपकी पेंशन स्थगित की जा सकती है।
सरकार को होगी करोड़ों की बचत
राज्य सरकार के अनुमान के अनुसार, यदि 3.5 लाख अपात्र या सत्यापन न कराने वाले लाभार्थियों की पेंशन रोकी जाती है, तो इससे लगभग 20 से 25 करोड़ रुपये की सालाना बचत हो सकती है। इस राशि को राज्य की दूसरी कल्याणकारी योजनाओं में उपयोग में लाया जा सकता है। यह कदम न सिर्फ प्रशासनिक दक्षता बढ़ाएगा, बल्कि सरकारी वित्तीय संसाधनों के सही इस्तेमाल की दिशा में भी प्रभावी साबित होगा।
पिछली तकनीकी गड़बड़ियों से मिली सीख
बीते वर्षों में कई बार तकनीकी खामियों के कारण पात्र पेंशनधारियों की पेंशन गलती से बंद कर दी गई थी। इन खामियों का मुख्य कारण NIC द्वारा तैयार पोर्टल की तकनीकी खामियाँ थीं। अब सरकार ने पोर्टल को अपडेट कर, जिम्मेदारी स्थानीय निकायों को सौंप दी है ताकि इस बार कोई पात्र व्यक्ति योजना से वंचित न रहे और पूरी प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी की जा सके।
मध्यप्रदेश सरकार का यह कदम पेंशन वितरण प्रणाली को डिजिटल, पारदर्शी और दोषरहित बनाने की दिशा में एक बड़ा सुधार है। यदि आप या आपके परिवार का कोई सदस्य किसी पेंशन योजना का लाभ ले रहा है, तो तय समय से पहले eKYC अवश्य करवा लें, ताकि पेंशन मिलती रहे और किसी भी असुविधा से बचा जा सके।