MP Tourism: अद्भुत है 300 साल पुराना ये मंदिर, यहां विराजे हनुमान जी बताते हैं लोगों का भविष्य

MP Tourism : मध्यप्रदेश भारत के मध्य में स्थित शानदार पर्यटन स्थलों में से एक है। मध्य प्रदेश को भारत के दिल की धड़कन भी कहा जाता है। क्योंकि यहां के पर्यटन स्थल पर्यटकों का दिल चुरा लेते हैं। यहां पर प्रति वर्ष लाखों की संख्या में सैलानी प्रकृति की सुंदरता का दीदार करने आते हैं। भारत का सबसे कम आबादी वाला यह राज्य अपनी खूबसूरती से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। ऐसे में यदि आप घूमने की योजना बना रहे हैं तो एक बार मध्य प्रदेश के इन शानदार पर्यटन स्थलों का दीदार अवश्य करें। आज हम आपको एक धार्मिक स्थल के बारे में बताने जा रहे हैं जहां की मान्यता काफी ज्यादा हैं।

धार्मिक स्थानों के लिए मशहूर मध्य प्रदेश के शाजापुर में हनुमान जी का एक चमत्कारी मंदिर मौजूद है। बोलाई हनुमान के नाम से पहचाने जाने वाला यह तीर्थ स्थल धार्मिक आस्था का केंद्र है और अपनी मनोकामना लेकर दूर-दूर से लोग यहां पर पहुंचते हैं। इस मंदिर से कई सारी मान्यताएं और कथाएं जुड़ी हुई है आज हम आपको उसी के बारे में जानकारी देते हैं।

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यह चमत्कारी मंदिर मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के बोलाई गांव में स्थित है। मंदिर को सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है। करीब 300 साल पुराना मंदिर लोगों के आस्था का प्रमुख केंद्र है। यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी की प्रतिमा के साथ गणेश जी भी विराजमान हैं। जी हैं, यहां हनुमान जी की प्रतिमा के बाईं तरफ गणेश जी की मूर्ति स्थापित है। लोगों का मानना है कि इस मंदिर में एक साथ गणेश जी और हनुमान जी की प्रतिमा होना बड़ा शुभ है। इसलिए यहां आने वाले सभी भक्तों की मुराद जरुर पूरी होती है।

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300 साल पहले देवी सिंह नामक व्यक्ति ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। 1959 में कमल नारायण त्यागी ने अपने व्यस्त जीवन को त्याग दिया और इस जगह को अपनी तपोभूमि बनाया। बताया जाता है कि 24 वर्षों तक कड़ी तपस्या करने के बाद उन्होंने सिद्धियां हासिल कर ली थी। इन सभी बातों के चलते दूर-दूर से लोग यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं और मनोकामना मांगते हैं। मनोकामना पूरी होने के बाद लोग पुनः मंदिर पहुंचते हैं और हनुमान जी के चरणों में माथा टेकते हैं।

श्री सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर रतलाम-भोपाल रेलवे ट्रैक के बीच बोलाई स्टेशन से करीब 1 किमी दूर है। ये मान्यता है कि यहां आने वाले लोगों को भविष्य की घटनाओं का पहले ही अंदाजा लग जाता है। इस मंदिर से कई चमत्कार जुड़े हुए हैं। मंदिर का सबसे बड़ा चमत्कार यह है कि मंदिर के सामने से जब भी कोई भी ट्रेन निकलती है तो उसकी स्पीड अपने आप कम हो जाती है।

ट्रेन के लोको पायलट का कहना है की मंदिर आने के पहले ही अचानक उन्हें ऐसा लगता है मानो कोई उनसे ट्रेन की स्पीड कम करने के लिए कह रहा है। यदि कोई ड्राइवर इसे नजरअंदाज करता है तो अपने आप ही ट्रेन की स्पीड कम हो जाती है। इसके अलावा मंदिर को लेकर एक अोर मान्यता यह भी है की मंदिर की एक अन्य मान्यता ये है कि यहां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यहां हर शनिवार, मंगलवार और बुधवार को दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।