MP Weather: मौसम ने फिर बदला अपना मिजाज, प्रदेश के इन 10 जिलों में बरसेंगे बादल, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

प्रदेश के मौसम में एक बार फिर बदलाव का सिलसिला जारी हैं। मौसम में रोजाना हो रहे परिवर्तन के चलते कभी टेंपरेचर में वृद्धि से गर्मी महसूस होने लगी हैं, तो कभी तेज हवाएं और बेमौसम हो रही बारिश एवं बूंदाबांदी मौसम में थोड़ी ठंड़क जरूर बढ़ा रही है। MP मौसम विभाग के अनुसार मौजूदा समय में 4 वेदर सिस्टम सक्रिय है और 8 अप्रैल को भी एक नया पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होने जा रहा है, जिससे मौसम की एक्टिविटीज में परिवर्तन आएगा और फिर बारिश का सिलसिला देखने को मिलेगा। आज 4 जगहों पर गरज चमक के साथ बादल के छाए रहने के प्रबल आसार बने हुए है।

इन जगहों पर बरसात की चेतावनी

MP मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे में एक बार फिर नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है, जिसके असर से फिर मध्य प्रदेश का मौसम बिगड़ने वाला है। भोपाल में 7 और 8 अप्रैल को बादल छाने के साथ हल्की से मध्यम वर्षा का अनुमान जताया गया है। राजधानी में 3 दिन तक बादल छाए रहेंगे। ग्वालियर में 10 अप्रैल, जबलपुर में 7 अप्रैल और इंदौर में 8 अप्रैल तक बादल छाने के साथ तेज बरसात के प्रबल के आसार हैं। इसके बाद 10 अप्रैल तक बादल छाए रहेंगे। आज शुक्रवार को भी भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, इंदौर में कहीं कहीं हल्की से तेज बूंदाबांदी हो सकती है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान

प्रदेश के आए दिन बदलते मौसम से जहां आम जन जीवन काफी ज्यादा प्रभावित हैं। इसी के साथ मौसम विभाग के अनुसार, मौजूदा समय में एक साथ 4 वेदर सिस्टम सक्रिय है। जिसके कारण और अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं। वहीं एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास ट्रफ के रूप और राजस्थान के बीच में हवा के ऊपरी पार्ट में भी एक बवंडर बना हुआ है। वही कर्नाटक पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक बवंडर बना हुआ है, इससे तमिलनाडु तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। इन चार मौसम तंत्रों के एक्टिव होने के साथ ही हालही प्रेजेंट समय में हवा का रुख कभी पश्चिमी तो कभी दक्षिणी हो रहा है।

किसानों की फसलों को हो रहा भारी नुकसान

इस बिगड़ते मौसम और बेमौसम बरसात की वजह से सबसे अधिक समस्याएं किसानों को झेलनी पड़ रही है। निरंतर बारिश की वजह से रबी की फसलों के अतिरिक्त आम के पेड़ों को भी काफी ज्यादा नुकसान हो रहा है। क्योंकि आम पर बौर लग गए हैं जो बारिश की वजह से खराब हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त गेंहू, चना, जौ की कटाई की जानी है जिस पर भी बारिश का असर देखने को मिल रहा है।