पुलिस की लापरवाही से हुई प्राचार्य विमुक्ता शर्मा की मौत |

बीएम कॉलेज की प्राचार्य विमुक्ता शर्मा को पेट्रोल डालकर जलाने की घटना में सिमरोल थाना प्रभारी की बड़ी लापरवाही सामने आई है, प्रिंसिपल द्वारा बीते साल सिमरोल थाने में की गई शिकायत पर गंभीरता से कोई एक्शन ना लेने पर थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया गया है.

बीते दिनों इंदौर के एक कॉलेज की प्रिंसिपल को पूर्व छात्र ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी. बीएम कॉलेज की प्राचार्य विमुक्ता शर्मा को पेट्रोल डालकर जलाने की घटना में सिमरोल थाना प्रभारी की बड़ी लापरवाही सामने आई है, अगर सिमरोल थाना प्रभारी आरएनएस भदौरिया ने पहेले की गयी तिन शिकायतों पर एक्शन लिया होता तो आज प्राचार्य विमुक्ता शर्मा जिंदा होती. इस मामले के चलते सिमरोल थाना प्रभारी आरएनएस भदौरिया भी नप गए। आरएनएस भदौरिया को एसपी ने लाइन अटैच कर दिया है. थाना प्रभारी से पहले एक सहायक उपनिरीक्षक को भी निलंबित कीया जा चूका है.

ये कार्रवाई दिवंगत प्रिंसिपल द्वारा बीते साल सिमरोल थाने में की गई शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं करने को लेकर की गई है। उन्होंने फरवरी 2022 में दो बार और सितंबर 2022 में एक बार आरोपी आशुतोष श्रीवास्तव (24) के खिलाफ शिकायत की थी। आरोपी तीन बार पहले भी कॉलेज जाकर हंगामा कर चुका था। वह सातवें सेमिस्टर में फेल हो गया था और उसके लिए वह प्रिंसिपल को जिम्मेदार मानता था। तीन माह पहले उसने कॉलेज के एक कर्मचारी को मार्कशीट के चक्कर में चाकू भी मार दिया था। तब उसे सिमरोल पुलिस ने पकड़ा था, लेकिन बाद में आरोपी को जमानत पर छोड़ दिया गया था । इसके बाद आरोपी छात्र ने कॉलेज में रस्सी लाकर आत्महत्या करने की धमकी भी दी थी। कॉलेज की तरफ से छात्र आशुतोष को लेकर तीन बार शिकायतें की गई थी, लेकिन उसे अफसरों ने गंभीरता से नहीं लिया, बाद में आरोपी ने प्राचार्य विमुक्ता शर्मा की जान ले ली।

20 फ़रवरी सोमवार को सिमरोल थाना क्षेत्र में स्तिथ  BM कॉलेज ऑफ फॉर्मेसी की प्राचार्य विमुक्ता शर्मा को उसी कॉलेज के पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव ने पेट्रोल डालकर जला दिया गया था. दरअसल जब प्राचार्य विमुक्ता शर्मा कॉलेज परिसर में बिल्व पत्र तोड़ने बहार निकली तब छात्र वह आकर उनसे बहस करने लगा और कुछ देर बाद उसने प्राचार्य विमुक्ता शर्मा पर पेट्रोल डाल दिया और लाइटर से आग लगा दी. इसके बाद वह तिंछा फॉल की तरफ आत्महत्या करने के लिए भाग गया था .इसके बाद लगभग 90 प्रतिशत जल चुकी डॉ. शर्मा को चोइथराम अस्पताल में एडमिट कराया गया था. प्राचार्य विमुक्ता शर्मा पिछले 5 दिनों से जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही थी। लेकिन शनिवार सुबह उनकी सांसें थम गईं। आरोपी छात्र मार्कशीट नहीं मिलने और एक प्रोफेसर द्वारा चाकू बाजी का केस दर्ज कराने से नाराज था।

बताया जा रहा है की प्रोफेसर को जलाने के बाद आरोपी छात्र बिना कपड़ो के पहाड़ी पर चड़ते एक विडियो में नजर आया है उसका क्रिमिनल माइंडसेट यह देख कर पता लगाया जा सकता है की हिरासत में आने के बाद वह किस तरह पुलिस को भटकने के लिए अलग-अलग कहानी सुनाने और लगातार अपना बयान बदल रहा है. जब एसपी भगवद सिंह विरदे सहित अन्य अधिकारियो ने आरोपी से पूछताछ की तो पुलिस को चकमा देने और खुद को मानसिक रोगी साबित करने की कोशिश में आरोपी एक दिन लॉकअप में फुट फुट कर रोता रहा. पूछताछ के दौरान भी वह लगातार रोता रहा. एसपी के मुताबिक आरोपी काफी शातिर है। उसने पूरी प्लानिंग के साथ ही घटना को अंजाम दिया। उसका मानना था कि मार्कशीट नहीं मिलने के लिए प्रिंसिपल ही जिम्मेदार हैं।

आरोपी छात्र बिना कपड़ो के भागते हुए.

एसपी भगवद सिंह विरदे का कहना है कि प्रिंसिपल की मौत के बाद मामले में हत्या की धारा (302) लगाई गई है। पूरे घटनाक्रम में साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन की जा रही है। एक-एक कड़ी को जोड़ा जा रहां है। आरोपी को फांसी की सजा कराने की पूरी कोशिश की जाएगी। माननीय न्यायालय से अनुरोध करके स्पेशल ट्रायल कराया जाएगा। आरोपी ने जहां से पेट्रोल लिया, वहां के सीसीटीवी फुटेज, लोगों के बयान, जहां से बाल्टी खरीदी, वहां के व्यक्ति के बयान और प्रत्यक्षदर्शियों के भी बयान लिए जा चुके हैं। जल्द से जल्द पुरे मामले की जाच कर आरोपी को कड़ी कड़ी से सजा दिलवाने का प्रयास किया जायेगा.