समय की रफ्तार को पछाड़कर सुमित यश के धवल शिखर पर चढो…भाजपा जैसे दिव्य संगठन के नगर मुखिया बनकर नया इतिहास गढ़ो…
ऋतम्भरा सुनकर ही रोंगटे खड़े होने से लेकर वात्सल्य तक का पैगाम है…राष्ट्र , समाज व संस्कृति से जुड़े असम्भव काम को सम्भव करता नाम है…
महाकुंभ धर्म – कर्म – मर्म की त्रिवेणी का संगम है, गंगा – जमुना – सरस्वती में अमृत प्राप्ति का समागम है
एक विभाग गड्ढा करे दूसरा विभाग बनी सड़क उखाड़े, ऐसी गैर नियोजित दास्तान पर भी क्यों बजते हैं विकास के नगाड़े…