इंदौर सहित आसपास के कई गाँवो में बिजली कम्पनी द्वारा अघोषित रूप से बिजली की कटौती की जा रही है। किसानों को रात में सिर्फ 3 -4 घंटे बिजली दी जा रही है, इससे किसानों की फसलो की पर्याप्त सिंचाई न होने से उन्हें अपनी उद्यानिकी फसलें खराब होने का डर सता रहा है |
संयुक्त किसान मोर्चा के श्री बबलू जाधव ने बताया कि जब किसानो द्वारा इस तरह की बिजली कटौती के बारे में बिजली कम्पनी के अधिकारियों से पूछा जाता है तो उन्हें गोलमाल जवाब देते हुए कहा जाता है कि शेड्यूल बना कर भोपाल भेजा गया है । भोपाल से मंजूरी आने के बाद ही बिजली कटौती का नया प्लान बनेगा सकता है नया प्लान नही आता तब तक ऐसे ही चलता रहेगा |
जबकि इन दिनों कई किसानों के खेतों में प्याज़ , लहसुन और सब्जियों की फसल है ,उनको अपनी फसलो की सिंचाई के लिए बिजली का सही रूप में होना अत्यंत महत्वपूर्ण है । 10 घंटे में से मात्र 3 से 4 घंटे बिजली दी जाती और वह भी देर रात को दी जाति है । इन दिनों गांवों में भूमि जल स्तर भी नीचे चले गया है और सिंचाई के लिए तीन घंटो में फसल की सिंचाई की पूर्ति ही नहीं हो पा रही है।
इससे फसल खराब होने का डर है और किसानों में भारी आक्रोश है । संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक से ग्रामीण क्षेत्रों में फसलो की सिंचाई के लिए 10 घंटे सतत बिजली देने की मांग की है,अन्यथा किसानों को आंदोलन के लिए मजबूरन विवश होना पड़ेगा।
इन दिनों गेहूं की फसल की कटाई चल रही है। इसलिए बिजली कम्पनी के अधिकारियो को लगता है कि अब किसानों को बिजली की ज़रूरत नहीं है, इसीलिए बिना कोई शेड्यूल के रात को केवल 3 से 4 घंटे बिजली दी जा रही है,जबकि इंदौर जिले में गर्मी में प्याज़, लहसुन और सब्जियां बोने वाले किसानों का रकबा बहुत बड़ा है, जिन्हें अपनी उद्यानिकी फसलो में सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। इसका फसल की गुणवत्ता और उत्पादन पर बुरा असर पड़ेगा । किसान की आय दुगुनी होने के बजाय और भी कम हो जाएगी ।